यूपीएससी की परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में एक मानी जाती है.हर साल लाखों की संख्या में विद्यार्थी इस परीक्षा को देते हैं. लेकिन इस परीक्षा में वही में विद्यार्थी पास हो पाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और आत्मविश्वास के साथ तैयारी में लगे रहते हैं.
आज हम आपको बताने वाले हैं अजमेर के रहने वाली परी बिश्नोई के बारे में.परी के पिता एक एडवोकेट है. अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद परी दिल्ली आ गई और वहीं से बैचलर डिग्री प्राप्त की. बैचलर डिग्री प्राप्त करने के समय उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अजमेर से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
परी लंबे समय से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी इसके बीच में उसने नेट के भी परीक्षा क्लियर किया. लेकिन बचपन से ही उसने ठान लिया था कि उसे आईएएस अफसर बनना है इस कारण उन्होंने कोई दूसरी नौकरी नहीं की. लगातार कड़ी मेहनत करने के कारण 2019 में उन्होंने इस परीक्षा को पास कर लिया और सिर्फ उन्होंने इस परीक्षा को पास ही नहीं किया बल्कि पूरे इंडिया में 30 वां स्थान भी हासिल किया.
परी इस कामयाबी का श्रेय-
परी अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मां को देती है. वैसे तो उसके पूरे परिवार ने उसका साथ दिया. लेकिन जब जब परी का हिम्मत होता था उसकी मां उसकी हिम्मत को बढ़ा दी थी और इस हिम्मत के कारण ही उसने इस कठिन परीक्षा को पास किया. उनका कहना है कि लगातार कड़ी मेहनत करते रहिए और पूरी ईमानदारी से तैयारी करी एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी.
परिवार वालों और खासकर अपनी माता को देती हैं। उन्होंने उनके काम और जज्बे से प्रभावित होकर ही आईएएस बनने का सपना देखा था। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान भी जब वह असफल होतीं या निराश होतीं तो उनकी माता उन्हें प्रोत्साहित किया करती थीं। परी का मानना है कि जीवन में मिलने वाली किसी भी कठिनाइ या असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। इसकी जगह पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास करते रहना चाहिए।