पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश से बहुत ही अच्छी खबर सामने आ रही है। अब पर्यटक रोज के माध्यम से काशी विश्वनाथ और मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने जा सकेंगे। पर्यटन विभाग के द्वारा इसके लिए तैयारियां की जा रही है।
इसमें जलमार्ग से वाराणसी से होते हुए मिर्जापुर और प्रयागराज का दर्शन कराने की तैयारी की जाएगी। विभाग ने रूट के लिए खाका तैयार कर दिया है और साथ ही साथ पहले चरण में रो-पैक्स (जलयान) से ट्रायल टूर मीरजापुर तक होगा।
दो सौ लोग होंगे सवार-
आपको बता दें कि इस ग्रुप में पर्यटकों को जला यान में एक साथ 200 लोगों को बैठा कर ले जाया जाएगा।वहां मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा व मां काली का दर्शन कराया जाएगा।फिर इसके बाद वहा पर विंध्य पर्वत श्रृंखला की भी सैर कराई जाएगी।
आपको बता दे की इस टूर की सफलता का आकलन करने के बाद दूसरे चरण में इसे प्रयोग करते हुए प्रयागराज तक विस्तार कर दिया जाएगा। उसके बाद संगम में लेटे हनुमान का दर्शन के बाद वापसी होगी।
विभाग ने इस क्षेत्र में तेजी के साथ काम करना शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के अनुसार इस खास आध्यात्मिक टूर के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट साथ ही भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के भी सहमति बन गई है। इसके साथ ही आगामी होने वाले बैठक में इसका शेड्यूल पूरा लांच कर दिया जाएगा।
रो-पैक्स और क्रूज से होगा शानदार सफर-
जलमार्ग के रास्ते शुरू होने वाला आध्यात्मिक दर्शन यात्रा के लिए पर्यटन विभाग के पास दो-दो सौ क्षमता के दो रो पैक्स तो एक जलयान (क्रूज) है। इन्हें संचालन की जिम्मेदारी स्टार्ट अप कंपनी अलकनंदा को दी गई है। इस तरह के बड़े वेसेल के ठहरने के लिए मीरजापुर में दो घाट भी तैयार किए जा रहे हैैं। उन पर जेटी आदि की व्यवस्था की जाएगी। कोरोना काल की वजह से शुरुआत में रुकावट आई लेकिन अब फिर से शुरुआत किया जा रहा है। प्राथमिक आकलन है कि जल मार्ग से आध्यात्मिक यात्रा के लिए दोनों ओर से भरपूर यात्री मिलेंगे। कारण यह कि बनारस आने वाले पर्यटकों के केंद्र में गंगा ही होती हैं।