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अब बदल जाएगी ताजमहल देखने के लिए व्यवस्था,लागू होने वाला है यह नई नियम

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा ताजमहल समेत अन्य स्मारकों पर सौ प्रतिशत आनलाइन टिकट बुकिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी।

स्मारकों पर खुली हुई टिकट विंडो बंद कर दी जाएंगी। पर्यटक आनलाइन टिकट बुक करने के बाद ही स्मारकों का दीदार कर सकेंगे। एएसआइ के आगरा सर्किल ने इसके लिए दिल्ली मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है।

एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारकों के दीदार को पर्यटक आनलाइन टिकट बुकिंग के अलावा स्मारकों पर खुलीं टिकट विंडो से टिकट बुक कर सकते हैं।

कोरोना काल में वर्ष 2020 में छह माह की बंदी और वर्ष 2021 में दो माह की बंदी के बाद जब स्मारक खुले थे, तब केवल आनलाइन टिकट बुकिंग की व्यवस्था की गई थी।

बाद में स्मारकों पर भीड़ बढ़ने और लपकों द्वारा पर्यटकों से ठगी किए जाने पर एएसआइ ने टिकट विंडो खोलने का निर्णय लिया था।

पिछले माह करीब एक सप्ताह तक सोफ्टवेयर की समस्या के चलते ताजमहल पर टिकट विंडो बंद रही थीं। पर्यटकों ने आनलाइन टिकट बुक करने के बाद ही स्मारक का दीदार किया था।

एएसआइ का आगरा सर्किल, ताजमहल व अन्य स्मारकों पर टिकट विंडो बंद करना चाहता है। इससे मेन पावर की बचत के साथ ही मेंटीनेंस आदि के व्यय को बचाया जा सकेगा।

इससे डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा भी मिलेगा। अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल व अन्य स्मारकों पर टिकट विंडो बंद कर केवल आनलाइन टिकट बुकिंग चालू रखे जाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

इन स्मारकों पर लागू है प्रवेश शुल्क

एएसआइ के आगरा सर्किल में स्थित नौ जिलों में 150 से अधिक स्मारक हैं। इनमें से केवल आगरा में स्थित आठ स्मारकों पर ही प्रवेश शुल्क लागू है। इनमें ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, अकबर का मकबरा, एत्माद्दौला, मेहताब बाग, राम बाग और मरियम टाम्ब हैं।

इनके लिए हो सकती है दिक्कत

टिकट विंडो बंद होने की स्थिति में ग्रामीण परिवेश से आने वाले पर्यटकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन व आनलाइन टिकट बुकिंग की जानकारी नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे पर्यटकों को ही लपके ठगी का शिकार बनाते हैं।

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