आम जनता को एक बार फिर से परेशानी हो सकती है क्योंकि लगातार घाटा लगने के कारण रेलवे कई पैसेंजर ट्रेनों को हमेशा के लिए बंद करने वाला है। कोरोनावायरस की बात कही पैसेंजर ट्रेनों को फिर से शुरू नहीं किया गया वहीं अब रेलवे के नए टाइम टेबल में कई पैसेंजर ट्रेनों के नाम हटा दिए गए हैं।
इसमें ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक स्थलों के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेनें भी शामिल हैं।इन ट्रेनों के बंद होने से आम आदमी की परेशानियां बढ़ सकती है।
कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे प्रशासन ने घाटे वाली ट्रेनों को चलाना बंद कर दिया है। कोरोना के समय जारी स्पेशल टाइम टेबल से इन ट्रेनों का नाम हट गया था। अक्टूबर 2022 में रेलवे ट्रेनों का नया टाइम टेबल जारी करेगा इसमें रेलवे कई ट्रेनों का नाम लिस्ट से हटा दिया है। आपको बता दें कि कई ट्रेनों को स्थाई रूप से रेलवे बंद कर देगा। अब केवल उन्हीं रूटों पर पैसेंजर ट्रेन चलाई जाएंगी जिन रूटों पर एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं चलती है।
कोरोना के पहले मुरादाबाद मंडल से 121 पैसेंजर ट्रेनें चलती थीं। अब उनमें से केवल 46 ट्रेनें चलायी जा रही हैं। आजादी के समय काकोरी कांड की गवाह रही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर भी ढाई से बंद है। इस ट्रेन को भी स्थायी रूप से बंद किया जाना प्रस्तावित है।
तीर्थ नगरी हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच चलने वाली दस पैसेंजर ट्रेनों में से केवल चार को चलाया गया। इस मार्ग पर छह ट्रेनों को स्थायी रूप से बंद किया जा सकता है। कोरोना से पहले से ही मुरादाबाद-सम्भल पैसेंजर ट्रेन खड़ी कर दी गई थी। यह उदाहरण केवल मुरादाबाद रेल मंडल के हैं। देश के अन्य मंडल में भी घाटे वाली पैसेंजर ट्रेनों के साथ भी यही स्थिति है। एक अक्टूबर 2022 से लागू किए जाने वाले टाइम टेबल की बैठक शुरू हो चुकी है। बैठक में बंद की जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों पर चर्चा नहीं की जा रही है।