1 साल से अधिक टाइम बीत गया है लेकिन अभी भी खाद्य तेलों की कीमतों में कोई कमी नहीं हुई है। खाद्य तेलों की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी के कारण लोग परेशान हैं। एक तरफ जहां हरी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हो रहा है वहीं दूसरी तरफ फलों के कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रहा है और इस कारण आम जनता परेशान हो रही है।
सरसों तेल रिफाइंड ऑयल जैसे खाद्य तेलों के दाम बाजारों में ₹200 प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। लोग काफी समय से मांग कर रहे हैं कि सरकार 10 से ₹20 तेल की कीमतों में कमी करें लेकिन अब त्योहारी सीजन में लोगों की मांग पूरी हो सकती है।
ग्लोबल मार्केट में कम हो रहे खाद्य तेल के भाव-
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने ग्लोबल मार्केट में एडिबल ऑयल के घटते भाव की वजह से घरेलू कंपनियों को भी खाद्य तेल के भाव में कमी करने के लिए कहा है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में सरकार ने खाद्य तेल के आयात पर टैक्स में राहत दिया है। भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय ने अडानी विल्मर और रुचि सोया जैसे बड़े आयातकों को निर्देश दिया है कि वह अपने खाद्य तेल की खुदरा कीमत में कटौती करें। उम्मीद है कि आने वाले समय में खाद्य तेलों की कीमतों में ₹10 की कमी हो जाएगी।
ग्लोबल मार्केट में 20% तक कम हुवे खाद्य तेल के भाव-
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बी वी मेहता ने कहा, “पाम और सनफ्लावर ऑयल के ग्लोबल प्राइस 18 से 20% तक कम हुए हैं। आपको बता दें कि खुदरा बाजार में इसका असर देखने को मिल सकता है और तीन चार हफ्ते में खाद्य तेलों की कीमतों में कमी हो सकती है। सरसों के तेल सरसों तेल के साथ-साथ कई तरह के तेलों की कीमतों में कमी आएगी।