उत्तर प्रदेश के लोगों को अब कूड़े कचरे से परेशानी नहीं होगा क्योंकि कूड़े कचरे से सीएनजी गैस का निर्माण होगा. आपको बता दें कि लखनऊ गाजियाबाद प्रयागराज में प्लांट लगाने की मंजूरी मिल गई है जबकि बहुत ही जल्द गोरखपुर में भी प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी.
इन शहरों में पीपीपी मॉडल पर सीएनजी प्लांट बनेंगे। इनमें रोजाना 34000 kg CNG बनेगी। इसे बनाने में रोजाना करीब 1000 टन कचरा इस्तेमाल होगा। शासन की कमेटी आफ सेक्रेट्रीज ने इसकी मंजूरी दे दी है। राज्य मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नेहा शर्मा ने 14 October को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
इंदौर के तट पर उत्तर प्रदेश के 4 शहरों में गीले कचरे से सीएनजी गैस बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.लखनऊ, गाजियाबाद, प्रयागराज में प्लांट लगाने का काम बहुत जल्दी शुरू हो जाएगा। गोरखपुर को भी इसी महीने मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इन चारों शहरों में कूड़े से CNG बनाने से प्रतिदिन 1000 मीट्रिक टन कचरा इस्तेमाल होगा। इससे 3.65 लाख मीट्रिक टन कचरा कूड़ा निस्तारण प्लाण्ट में जाने से बचेगा।
गाजियाबाद लखनऊ में एक ही कंपनी करेगी काम, एक रुपए लीज पर दी गई जमीन
लखनऊ और गाजियाबाद में एक ही कंपनी एवर इनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कूड़े से सीएनजी बनाएगी। जबकि प्रयागराज में इंडो इनवायरो इन्टीग्रेटेड स्लूशन लिमिटेड कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। इन कंपनियों को खुद अपने खर्चे पर प्लांट बनाना होगा। नगर निगम की तरफ से इन्हें कोई भी आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी। लखनऊ तथा गाजियाबाद नगर निगम कंपनी को एक रुपए की लीज पर 12-12 एकड़ जमीन देंगे जबकि प्रयागराज और गोरखपुर नगर निगम को 10-10 एकड़ जमीन देना होगा। इस जमीन के बदले नगर निगम को रॉयल्टी भी मिलेगी। सीएनजी बनाने वाली कंपनी लखनऊ और गाजियाबाद को प्रतिवर्ष 74-74 लाख तथा प्रयागराज और गोरखपुर नगर निगम को 56-56 लाख रुपए रॉयल्टी देंगी।