उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग इस वर्ष 5500 किलोमीटर सड़क निर्माण एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) प्रणाली से करेगा।
उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। अब बता दे इस काम पर लगभग ₹5000 करोड़ खर्च होंगे।विभाग की ओर से सड़कों के उच्चीकरण व मरम्मत आदि में FDR प्रणाली का अभिनव उपयोग किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जानकारी दिया कि सड़कों के निर्माण में बड़ी एजेंसियों ने अभी तक इस तकनीक को नहीं अपनाया है। वहीं, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इसे एक नई चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। इस तकनीक से जहां सड़कें सामान्य परंपरागत तकनीक से बनाई गई सड़कों से कहीं अधिक टिकाऊ होंगी, वहीं इनकी निर्माण लागत भी अपेक्षाकृत कम होगी।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता वीरपाल सिंह राजपूत बताते हैं कि इस तकनीक के दूरगामी और सफल परिणाम हासिल होंगे और सड़कों के निर्माण के क्षेत्र में यह तकनीक एक नई क्रांति की जनक साबित होगी। कई प्रदेशों के सड़कों के निर्माण से जुड़े विशेषज्ञ व अधिकारी यूपी में बनी सड़कें देखने आ रहे हैं। आपको बता दें कि यह आधुनिक तकनीक से बनाई गई सड़कें काफी खास होगी। इसकी शुरुआत कर दी गई है और उम्मीद है कि काफी तेजी से इसका कार्य किया जाएगा और इससे लोगों को भी काफी सुविधा होने की उम्मीद है।