दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा उत्तर प्रदेश के विकास और साथ ही साथ उत्तर प्रदेश की पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विशेष काम किया जा रहा है और साथ ही साथ रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी करने का प्रयास भी किया जाए। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में फूड पार्क की स्थापना की जाएगी और इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।
फूड पार्क की स्थापना होने से हजारों लोगों को एक तरफ नौकरी मिलेगी वहीं दूसरी तरफ फूड पार्क बनने से लोग काफी आसानी से ताजी हरी सब्जियां ले पाएंगे। इस फूड पार्क की स्थापना होने से सबसे ज्यादा लाभ किसानों को होगा।
यूपी की योगी सरकार ने “फ़ूड फारेस्ट” के जरिए हरियाली बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण की पहल की है। गोरखपुर सहित यूपी के 15 जिलों में फूड पार्क का स्थापना होगा।
फूड पार्क की स्थापना करने के लिए जिन जिलों को चिन्हित किया गया है उनमें शामिल है बिजनोर, अमरोहा और सहारनपुर आम की पट्टी के संभल,रामपुर, बदायूं अमरूद पट्टी के हैं। इसके साथ ही साथ अन्य जिले भी फल पट्टी में ही शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जिन फूड पार्क का स्थापना करने का आदेश दिया गया है और पूरी तरह से इको फ्रेंडली होंगे और इनकी स्थापना होने से पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। आपको बता दें कि आप फुटपाथ पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से काफी अच्छा होगा और पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही इसका स्थापना किया जाएगा।
फूड फारेस्ट में संबंधित क्षेत्र के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लामेटिक जोन) के अनुसार पौधों का चयन किया जाएगा।
नाइट्रोजन फिक्सेशन के लिए दलहन की फसलें भी लगाई जाएगी।प्राकृतिक तरीके से नाइट्रोजन फिक्सेशन के लिए फ़ूड फारेस्ट में दलहनी फसलों को भी स्थान दिया जाएगा।
मसलन गोरखपुर में विकसित किए जाने वाले फ़ूड फारेस्ट में पहले चरण में आम, अमरूद, अनार और पपीते के पौध लगाये जाएंगे।
दूसरे चक्र में जामुन, बेर यानी छोटे जंगली फलों के पौधे लगाए जाएंगे। तीसरे चक्र में अरहर, मूंग, उड़द, मटर व चने की बोआई होगी। चौथे चरण में लेमनग्रास, तुलसी, अश्वगंधा जैसे हर्बल प्लांट पार्क लगेंगे।पांचवें चक्र में गिलोय,अंगूर, दमबूटी आदि बेल प्रजाति रोपित होगी।