गोरखपुर में राप्ती शरीर और गोरा नदी में बुधवार को भी उफान जारी रहा. आपको बता दें कि रोहिणी नदी स्थिर हो गई है और नदियों में आई बाढ़ के कारण 160 गांवों में पानी घुस गया. आपको बता दें कि ग्रामीणों की मदद के लिए विभाग को उतार दिया गया है और वह लगातार ग्रामीणों की मदद कर रहे हैं. आपको बता दें कि नेपाल और उत्तराखंड में होने वाली बारिश का असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है और यहां लगातार बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है.
बुधवार को प्रभावित ग्रामीणों के बीच 7849 पैकेट खाद्यान्न राहत किट वितरित किया गया। ग्रामीणों को बंधे या अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए 7840 तिरपाल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
नेपाल में हो रही बारिश की वजह से राप्ती, सरयू और गोर्रा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। आमी नदी भी उफान पर है। रोहिन का पानी जरूर स्थिर हो गया है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से बुधवार को जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 120 से बढ़कर 160 हो गई है। गांवों के लोग अपने पशुओं को लेकर बंधों तथा अन्य ऊंचे स्थानों पर पहुंचकर डेरा डाल रहे हैं। लोगों के सामने खाने-पीने की दिक्कत उत्पन्न होने लगी है। तकरीबन 73 गांव पूरी तरह मैरूंड हो गए हैं। इन गांवों का हाल काफी बुरा हो गया है। इन गांवों के लोग दूसरी जगहों पर शरण ले रहे हैं। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद के लिए 153 नावें लगवा दी हैं।
बाढ़ की विभीषिका और इससे जूझ रहे ग्रामीणों के सामने खड़े हुए संकट को देखते हुए जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने राहत पहुंचानी शुरू कर दिया है। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों के बीच 7840 पैकेट खाद्यान्न राहत किट वितरित कराया है। लोगों को पीने के पानी को रखने के लिए 15680 जेरीकेन दिए गए हैं। साथ ही 15000 खाद्यान्न राहत किट की और व्यवस्था कराई जा रही है।
खजनी क्षेत्र के 18 गांव बाढ़ से प्रभावित-
खजनी तहसील के 18 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एसडीएम सिद्धार्थ पाठक व नायब तहसीलदार हरीश यादव ने बाढ़ प्रभावित गांवों दौरा कर तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए है। भाजपा मंडल अध्यक्ष राम प्रकाश चौरसिया ने बताया कि जमौली वं सोहरा गांव मैरूंड हो गए हैं। बाढ़ से 18 गांव की तीन हजार जनसंख्या व 250 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हैं। गांव से निकलने के लिए 17 नावें लगी है।