अभी तक उत्तर प्रदेश में भले ही औसत से काफी कम बारिश हुई है लेकिन आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा नदियों के जलस्तर पर ध्यान रखना शुरू कर दिया गया है। पहाड़ों पर होने वाली वर्षा के कारण ही यहां की नदियों में पानी बढ़ता है। प्रतिदिन नदियों का जलस्तर नोट किया जा रहा है।
बता दें कि पिछले शुक्रवार को राप्ती नदी के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अधिकारियों का कहना है कि यह चेतावनी के निशान से नीचे है लेकिन इस पर नियमित रूप से ध्यान रखा जाएगा।
मई व जून महीने में न के बराबर हुई है वर्षा
मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के विपरीत अभी तक किसी दिन अच्छी वर्षा नहीं हुई है। पिछले साल मई व जून महीने में ही औसत से अधिक वर्षा हो चुकी थी। जून महीने की औसत वर्षा 173 मिमी है जबकि इस साल अबतक मात्र 33 मिमी वर्षा ही हुई है।
पिछले साल जून महीने में 294.2 मिमी वर्षा हुई थी। बात मई महीने की करें तो इस साल न के बराबर वर्षा हुई है जबकि पिछले साल 385 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी।
बाढ़ बचाव की तैयारियों में जुटे विभाग
जिला प्रशासन, सिंचाई एवं आपदा विभाग बाढ़ बचाव को लेकर तैयारियों में जुट गया है। जिले में किस जगह पर बांध की मरम्मत के साथी दो जगहों पर सरयू नदी की धारा मोड़ने के लिए डेजिंग भी की जा चुकी है। ड्रेजिंग के कार्य गोला तहसील क्षेत्र में किए जा रहे हैं। इससे कई गांव नदी की धारा के कारण कटने से बच सकेंगे।
जिले में 19 अतिसंवेदनशील, 36 संवेदनशील बांध हैं जबकि 84 रेगुलटर संचालित हैं। गोरखपुर और कई जिलों में भी नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है जिस पर विभाग ध्यान रख रहा है ताकि किसी भी तरह का खतरा आने वाले समय में ना उत्पन्न हो।