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कर्ज में डूबे पिता ने कर ली आत्महत्या,बेटी ने पिता के सपने को साकार करने के लिए गरीबी से जूझते हुए पास किया UPSC की परीक्षा

हर साल लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स यूपीएससी की परीक्षा देते हैं और इसमें महज कुछ स्टूडेंट पास हो पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने वाले हैं जिसके पिता ने कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर दी लेकिन बेटी ने आईएएस बनकर अपने पिता के मान को बढ़ाया।

कर्नाटक के तुमकुर जिले की रहने वाली अरुणा एम की कहानी उन कहानियों में से एक है जो आपको कई बार असफल होने के बावजूद सफलता मिलने तक कड़ी मेहनत करने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करती है।

अरुणा पांच प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में फेल हो गई लेकिन छठ के प्रयास में साल 2021 में उन्होंने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाया।

अखिल भारतीय रैंक 308 प्राप्त की है। हाल ही में यूपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ है, शुरुआत में इस साल टॉप-4 में लड़कियां ही हैं,। अरुणा के पिता ने कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर दी लेकिन पिता के सपने को पूरा करने के लिए बेटी ने जी जान लगा दिया।

अरुणा के पिता इस दुनिया में नहीं हैं क्योंकि उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। आइए जानें 5 बार अफसल होने के बाद अरुणा ने कैसे छठी बार में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पार कर इतिहास रचा।

कर्ज में डूबे किसान पिता ने की थी आत्महत्या-

अरुणा के पिता एक किसान थे और उन्होंने साल 2009 में आत्महत्या कर ली उस समय अरुणा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। उनके पिता की मृत्यु इसलिए वह हो गई क्योंकि वह अपने पांच बच्चों के पढ़ाई के लिए बहुत सारा कर्ज ले लिए थे और वह चुका नहीं पा रहे थे। पिता की मृत्यु के बाद दो बहनों ने परिवार की जिम्मेदारी उठाई हालांकि उनके पिता चाहते थे कि उनकी बेटियां स्वतंत्रता है और आईएएस अफसर बन जाए।

पहले सिर्फ साधारण नौकरी करना चाहती थीं अरुणा –

अरुणा जो पांच भाई-बहनों में से तीसरे नंबर पर हैं। अरुणा का पहले यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने या इसे पास करने का कोई इरादा नहीं था। अरुण तो बस इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर एक साधारण नौकरी करना चाहची थीं। और, अधिकांश उम्मीदवारों के विपरीत, सिविल सेवाओं को क्रैक करना अरुणा का पहला लक्ष्य नहीं था।

UPSC की परीक्षा पास करना मेरे पिता का सपना था: अरुणा

अरुणा ने भले ही अपने लिए इंजीनियर बनने का सपना देखा हो लेकिन जीवन की उसके लिए अलग योजनाएं थीं। अरुणा ने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी योजना बदल दी। अरुणा ने कहा, ”यूपीएससी परीक्षा पास करने का मेरा कोई सपना नहीं था।

मैं सिर्फ एक स्वतंत्र महिला बनना चाहती थी जो 10,000 से 15,000 रुपये कमा सके। मेरे पिता ने अपनी बेटियों को स्वतंत्र बनाने के लिए इसे एक चुनौती के रूप में लिया।”

आपको बता दें कि बेटी को इंजीनियरिंग पढ़ाने के लिए पिता ने आत्महत्या कर ली लेकिन बेटी ने अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए बार-बार यूपीएससी का परीक्षा दिया और तब तक वह हिम्मत नहीं हारी जब तक वह एक आईएएस अफसर नहीं बन गई।

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