अगर आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा तो आगे के समय में उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जंक्शन को एयरपोर्ट के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर ग्वालियर और प्रयागराज जंक्शन को हुनर विकसित करने की तैयारियां शुरू कर दी गई है और जैसे ही इंजेक्शन का पुनर्विकास होगा इन सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी और इन को काफी अच्छी तरह से विकसित किया जाएगा।
विरासत और विकास भी की थीम पर होगा स्टेशन का बदलाव
आपको बता दें कि 24 महीने के अंदर नई बिल्डिंग और कई तरह की सुविधाएं जनता को समर्पित कर दी जाएगी। सभी बिल्डिंग है दिव्यांग फ्रेंडली बनाई जाएगी। दिव्यांगों के लिए विशेष तरह का शौचालय और रैंप भी बनाया जाएगा। यहां पर रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बिल्डिंग और यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं भी देने की तैयारियां की जा रही है।
स्टेशन पहुंचने वाले द्वार से लेकर, वेटिंग रूम, शौचालय, रैम्प, एस्केलेटर जैसी मूलभूत सुविधाएं भी विश्वस्तरीय होंगी। नई बिल्डिंग की छत पर सोलर पैनल लगेंगे, जिससे ऊर्जा की बचत होगी।
प्रयागराज में सिविल लाइंस साइड में 400 करोड़ रुपये की लागत से 20483 स्क्वायर मीटर एरिया में पुनर्विकसित होगा। नई बिल्डिंग में दो हजार से अधिक यात्रियों के बैठने की होगी। इसी क्रम में कानपुर सेंट्रल 39744 स्क्वायर मीटर एरिया पुनर्विकसित होगा। यहां 1500 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। यहां 370 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय बिल्डिंग बनेगी। जबकि ग्वालियर रेलवे स्टेशन में 14463 स्क्वायर मीटर एरिया पुनर्विकसित होगा। 325 करोड़ की लागत से नई बिल्डिंग व सुविधाएं मिलेंगी। एनसीआर के तीनों रेलवे स्टेशन दो साल के अंदर पुनर्विकसित होंगे।