शहरों में रहने के लिए अक्सर लोग किराए के मकान में रहते हैं. कई तो अपने बच्चों की पढ़ाई तो कई रोजगार के लिए शहरों में रहते हैं. इस बीच खबर सामने आ रही है. जिसमें कहा जा रहा है कि अब मकान के किराए में भी GST का भुगतान करना होगा. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक में जिन वस्तुओं पर टैक्स को लगाया गया है, उसमें अब घर का किराया भी शामिल होने जा रहा है. इसमें कथित तौर पर कहा गया है कि 18 जुलाई से लागू नई जीएसटी नियम के मुताबिक, यदि जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड कोई व्यक्ति घर किराए पर लेता है, तो 18 फीसदी जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. हालांकि, अब सरकार ने इन दावों को भ्रामक करार देते हुए कहा कि है कि नियमों में इस तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
… तो नहीं लागू होगा जीएसटी
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यदि आवासीय परिसरों को निजी इस्तेमाल के लिए निजी व्यक्तियों को किराये पर दिया गया है, तो उस पर जीएसटी लागू नहीं होगा. सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि किरायेदारों द्वारा दिए गए घर के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगेगा. सरकार ने एक ट्वीट में कहा कि जीएसटी तभी लगाया जाएगा, जब आवासीय परिसर किसी व्यावसायिक इकाई को किराए पर दिया जाएगा.
एक्सपर्ट की राय
ट्वीट में कहा गया है कि जब इसे निजी उपयोग के लिए निजी व्यक्ति को किराये पर दिया जाता है, तो कोई जीएसटी नहीं लगेगा. यदि किसी फर्म का मालिक या साझेदार व्यक्तिगत उपयोग के लिए किराए पर रहता है, तो भी कोई जीएसटी नहीं देना होगा. केपीएमजी इंडिया के पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि इस स्पष्टीकरण से जीएसटी पंजीकृत प्रोपराइटरों या जीएसटी पंजीकृत फर्मों में साझेदारों को राहत मिली है.
पीआईबी फैर्ट चेक: सामने आई ये जानकारी
पीआईबी ने इन दावों पर संज्ञान लेते हुए इन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों की जांच की और इन दावों को भ्रामक पाया. पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि किसी रेजिडेंशियल यूनिट पर जीएसटी सिर्फ उसी स्थिति में लगता है, जब इसे किसी बिजनेस यूनिट द्वारा किराए पर लिया जाएगा. इसमें किराएदार को इसका इस्तेमाल पर्सनल जरूरतों के लिए नहीं करना चाहिए.