रेलवे के द्वारा एक बार फिर से कई चीजों को प्राइवेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रेलवे के द्वारा अभी टिकट काउंटर और पूछताछ काउंटर को प्राइवेट कर दिया गया है और कई जगहों के लिए अब इसका टेंडर जारी कर दिया गया है.
पूर्वोत्तर रेलवे में वाराणसी मण्डल के सात स्टेशनों पर 17 स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
जल्द ही इनकी तैनाती की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। अभी कुछ दिन पहले ही एनईआर के लखनऊ मंडल में नौ रेलवे स्टेशनों के पूछताछ और लगेज रूम काउंटर पर प्राइवेट कर्मियों की तैनाती की गई है।
स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा। कार्यकाल पूरा होने के बाद रेलवे के पास नवीनीकरण करने का अधिकार होगा।
पहले चरण में जहां कर्मचारियों की तैनाती होनी है वहां अभी रेलकर्मी ही तैनात हैं। शुरुआती दौर में फिलहाल छोटे स्टेशनों को ही शामिल किया गया है।
लगातार हो रहे पद सरेंडर और खर्चों में कटौती के क्रम में एनई रेलवे प्रशासन स्टेशन के परिचालन व कुछ संबंधित महत्वपूर्ण पदों को छोड़कर साफ-सफाई से लगाकर लगभग कई कार्यों को आउटसोर्स से कराने लगा है।
बताया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग बढ़ने से रेलवे के खर्चों में कमी आई है। उधर, रेल यूनियनों ने इसको लेकर विरोध भी शुरू कर दिया है।
सिस्टम रेलवे का, कर्मचारी प्राइवेट
यात्रियों को ट्रेन टिकट रेलवे साफ्टवेयर से दिया जाएगा। मगर टिकट देने वाले निजी कंपनी के एजेंट होंगे।
टिकटों की बिक्री से होने वाली आय में से एजेंट को कमीशन दिया जाएगा। फिलहाल औड़िहार, कप्तानगंज, सलेमपुर, पडरौना, रामनाथपुर, एकमा और भाटपार रानी स्टेशन पर तैनाती होगी।