अपने अक्सर एमबीए चायवाला और ग्रेजुएट चाय वाले का नाम सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं जिसका अफसर बनने का सपना टूटा तो वह फलाहार बेचने लगा और उसका दोस्त समोसा।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जन्मे इंदौर में रहकर पिछले 4 वर्षों से एमपीपीएससी भर्ती परीक्षा के पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवारों ने अपनी दुकानों का नाम पीएससी समोसावाला और पीएससी फलाहार रखा है।
4 वर्षों से रुका है एमपीपीएससी का रिजल्ट
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 4 साल से विद्यार्थी परीक्षा का रिजल्ट आने का इंतजार कर रहे हैं और रिजल्ट नहीं आने के बाद उन्होंने फलाहार और समोसा का दुकान खोल दिया था कि अपना घर चला सके। काफी लंबे समय से रिजल्ट रुका होने के कारण अब छात्रों को अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने में परेशानी होने लगी है जिस को पूरा करने के लिए हो हेलो समोसा और फलाहार का दुकान खोल लिए हैं।
चार दोस्तों ने मिलकर खोला पीएससी फलाहार
तेज प्रकाश कुशवाहा ने अपने तीन साथी शुभम ठाकुर बैतूल, प्रदीप मीना खंडवा और सूरज बुखारे बैतूल के साथ लगभग दो माह पहले इंदौर में अपना स्टार्टअप पीएससी फलाहार शुरू किया।
रीवा जिले के रहने वाले तेज प्रकाश कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह दिल्ली में यूपीएससी के लिए 2 साल समेत पिछले 6 वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे दिल्ली चला गया और फिर वर्ष 2018 में इंदौर आ गया।
दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कोचिंग संस्थाओं में पढ़ा रहे हैं
तेज ने कहा कि मैंने एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा, 2020 की मुख्य परीक्षा दी है और 2021 की मुख्य परीक्षा दूंगा। लेकिन समस्या यह है कि रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है और माता-पिता का बहुत अधिक दबाव है।
में दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ कोचिंग कक्षाओं में पढ़ाता था। जिसके बाद अब मैंने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर अपना कुछ शुरू करने का फैसला किया है।
6 किलो पपीता से शुरू किया स्टार्टअप
उनसे कहा कि स्टार्टअप शुरू करने का विचार बहुत सहज था। हम अपने खाने के लिए पास की फल मंडी से पपीता लाते थे। 1 दिन मैंने अपने एक दोस्त को अपने कमरे में बचा हुआ पपीता परोसा और उसी पल मैंने फैसला किया कि मैं पपीता बेचूंगा।
पहले दिन हमने 6 किलो पपीता खरीदा और उससे 34 रुपये का मुनाफा कमाया। हम इसे लगातार एक माह तक बेचते हैं और नियमित रूप से लगभग 400-500 रुपये का लाभ कमाते हैं।