उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नगर निगम की ओर बड़ा फैसला लिया गया है. बता दें, इस फैसले से मकान मालिकों की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है. दरअसल, नगर निगम ने आय बढ़ाने के लिए टैक्स वसूली के लिए नई योजना तैयार की है, जिसके तहत निगम अब मिश्रित संपत्ति के लिए अलग टैक्स वसूलेगा. यदि मकान में दुकानें बनी हैं तो अब ऐसे लोगों को दोहरा टैक्स देना होगा. इसके लिए निगम ने पूरी तरह से नया मापदंड तैयार कर लिया है. इसके लिए निगम ने शहर में सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा कर लिया है, जिसके तहत शहर के मकानों में चल रही करीब 35 हजार दुकानें भी अब मकान के साथ-साथ टैक्स के दायरे में आ जाएंगी. अधिकारियों का मानना है कि निगम की इस योजना को लागू करने के बाद निगम को हर साल करीब 5 करोड़ रुपये की आय होगी.
गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत आने वाले कई क्षेत्रों में कमर्शियल संपत्ति के अलावा आवासीय संपत्ति यानी मकान में भी दुकानें बनी हुई हैं. ऐसे सभी लोग अभी तक केवल मकान का ही टैक्स जमा कर रहे थे, लेकिन अब निगम की नई योजना के तहत इन सभी मकानों में बनी दुकानों का भी एरिया के हिसाब से टैक्स निर्धारित करते हुए मकान का भी टैक्स वसूला जाएगा. इस योजना को धरातल पर लाने के लिए निगम ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है. सर्वेक्षण के दौरान करीब 35 हजार ऐसी दुकाने पाई गई हैं, जो मकान में ही बनी हुई हैं.
हर साल निगम को मिलेंगे 5 करोड़
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि जिन मकानों में दुकानें बनी हुई हैं, अब उनसे मकान के अलावा दुकान का भी टैक्स लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि टैक्स का निर्धारण एरिया के हिसाब से तय किया गया है. उदाहरण के तौर पर यदि एक मकान में यदि 3 दुकानें हैं तो तीनों दुकानों का टैक्स जोड़कर भेजा जाएगा. इसके अलावा यदि मकान मालिक ने इन दुकानों को बेच दिया है तो तीनों दुकानों से अलग-अलग टैक्स वसूला जाएगा. इसके अलावा जिस मकान में दुकान बनी हूई हैं, उस मकान का टैक्स भी अलग से लिया जाएगा. उनका कहना है कि निगम की इस योजना से निगम की आय में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह से नोटिस जारी कर टैक्स वसूली शुरू कर दी जाएगी.