हमारे देश में कई ऐसे बच्चे होते हैं जो आईएएस अफसर बनना चाहते हैं और इस सपने को साकार करने के लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत भी करते हैं । रात दिन कड़ी मेहनत करने के बाद भी कई बच्चे सफल नहीं हो पाते हैं।
लेकिन कई ऐसे बच्चे होते हैं जो रात दिन मेहनत करके असफल होने के बाद भी कोशिश नहीं छोड़ते हैं। तब तक कोशिश करते हैं जब तक वह कामयाब नहीं हो जाते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने वाले हैं जिसने अपने नाना नानी के सपने को पूरा करने के लिए आईएएस अफसर बनने का सफर तय किया। उत्कर्ष द्विवेदी जिनके नाना नानी ने बचपन में कहा था तुम बड़े होकर अफसर बनना और नाना नानी के सपने को पूरा करने के लिए वह बड़ा होकर यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाएं।
उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में तीसरे अटेम्प्ट में 5वीं रैंक हासिल किया है. मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले उत्कर्ष की स्कूली शिक्षा डीपीएस इंदौर से हुई है.
उत्कर्ष द्विवेदी का परिवार
साल 2021 यूपीएससी एग्जाम में उत्कर्ष द्विवेदी ने पांचवा स्थान हासिल किया और वह आईएएस अफसर बन गया।उत्कर्ष द्विवेदी इंदौर के एबी रोड़ स्थित शालीमार टाउनशिप में रहते हैं. वो मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं।
बता दें कि उत्कर्ष द्विवेदी 12 साल से इंदौर में रहते हैं। उसके पिता जगदीश प्रसाद बिस्किट बनाने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट के इंदौर प्लांट में सीनियर एरिया मैनेजर के रूप में काम करते हैं।
उन्होंने 2019 में VIT वेल्लूर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. उन्होंने बताया कि यह उत्कर्ष का UPSC एग्जाम का तीसरा प्रयास था. इसमें उन्होंने सफलता हासिल की है।
नाना-नानी ने क्या सपना दिखाया था–
उत्कर्ष ने कहा कि जब वह छठी क्लास में थे तो अपने नाना नानी के घर जाया करते थे। उस समय उनके नाना और नानी जी डिपार्टमेंट में काम करते थे उस समय वहां पर डीएम निरीक्षण करने आया था।
उनके नाना नानी ने उत्कर्ष को डीएम को दिखाया और कहा कि तुम भी बड़ा होकर ऐसे ही अफसर बनना। तबसे नाना नानी के बाद को उन्होंने मन में बिठा लिया और लगातार मेहनत करने लगे। कई बार और सफलता मिली लेकिन अपने नाना नानी के सपने को पूरा करने के लिए वह आईएएस अफसर बन गए।