HomeMotivationalपिता चलाते थे छोटे से बर्तन की दुकान,बेटी ने बिना कोचिंग पास...

पिता चलाते थे छोटे से बर्तन की दुकान,बेटी ने बिना कोचिंग पास कर दिखाया IAS की परीक्षा,जानिए नमामि बंसल की कहानी

जीवन का दूसरा नाम संघर्ष होता है। ज़िन्दगी में सफल वही होता है जो संघर्षो से लड़ कर जीत हासिल करता है। अगर इंसान मेहनत करे तो वह हर नामुमकिन चीज़ को मुमकिन बना सकता है। मेहनत करने वालो की कभी भी हार नहीं होती है। आज हम अपने इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसी सख्श के बारे में बताने जा रहे है, जिसने अपने संघर्षो से लड़ कर जीत हासिल किया है। साल 2017 में उत्तराखंड यूपीएससी टॉपर नमामि बंसल की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे लाजपत राय मार्ग ऋषिकेश निवासी राज कुमार बंसल यानि नमामि बंसल के पिता को एक दिन अचानक से फोन आया कि उनकी बेटी आईएएस की परीक्षा में पास हो गई है। यह खबर सुनकर उनके पिता खुशी से फूले नहीं समाए। बताते चले नमामि बंसल के पिता राज कुमार बंसल का ऋषिकेश में एक बर्तन की दुकान है। और नमामि ने अपनी प्राथमिक स्तर से लेकर इंटर तक की शिक्षा एनडीएस गुमानीवाला से की है। उन्होंने दसवीं के परीक्षा में 92.4 और इंटर के परीक्षा में 94.8 अंक हासिल कर के स्कूल के साथ-साथ ऋषिकेश का नाम भी रोशन किया

आपकी जानकारी के लिए बता दे फिलहाल नमामि दिल्ली में सेंट्रल डिप्यूटेशन पर कार्यरत हैं। उन्होंने बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स लेडी श्री राम कॉलेज दिल्ली व एमए ओपन यूनिवर्सिटी हल्द्वानी से अर्थशास्त्र विषय से किया है। इतना ही नहीं, एमए में ओपन यूनिवरसिटी की टॉपर रही नमामि को राज्यपाल केके पॉल ने 17 अप्रैल 2017 में गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया था। नमामि बताती है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने किसी भी किसी तरह का कोचिंग ज्वाइन नहीं किया था। उन्होंने अपने विषयों की तैयारी नेट के द्वारा ही की थी, और परीक्षा को पास कर दिखाया।

आगे वह बताती है कि नेट पर सारी जानकारियां उपलब्ध होती हैं। जिससे हम लोग मदद ले कर पूरी पढ़ाई कर सकते है, और अपना मुकाम हासिल कर सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बालिका शिक्षा के साथ ही पहाड़ों से होने वाले पलायन को रोकने के लिए प्राथमिकता से काम करेंगी। नमामि की मां शरिता बंसल व भाई विभू बंसल ने बताया कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी गर्व की बात है। उनकी माता ने कहा कि यह हमारी जिंदगी का सबसे बड़ी खुशी का दिन है, साथ ही साथ उनकी मां ने बताया कि उनकी बेटी नमामि अपनी पढ़ाई व तैयारी के साथ घर के सभी कामों में उनका हाथ बांटती थी।

आपको बता दे नमामि बंसल ने बतौर आईएएस अधिकारी कैडर के लिए पहली पसंद अपना गृह राज्य उत्तराखंड चुना और दूसरा विकल्प राजस्थान। इन दोनों राज्यों को चुनने के पीछे की वजह यह है कि इन दोनों ही राज्यों में नमामि की पसंद के कई विषय हैं। जिन पर वो बतौर नौकरशाह काम करना चाहती थी। नमामि के अनुसार उत्तराखंड उनका अपना राज्य है, यहां की समस्याओं और संसाधनों से वो अच्छी तरह से वाकिफ हैं। इसलिए बतौर आईएएस अधिकारी उनकी पहली पसंद अपने राज्य की सेवा करना है। इतना ही नहीं उत्तराखंड में विकास कार्यक्रमों के लिए पॉलिसी तय करने में वो पर्यावरण की चिंता करने की भी बात किया करती हैं।

आगे वो बताती है कि उत्तराखंड पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील भू-भाग है। उत्तराखंड ने पर्यावरण से छेड़छाड़ की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। हाल की आपदाएं इसका उदाहरण हैं। लेकिन यह भी सच है कि हमें विकास कार्यक्रमों को भी जारी रखना है। इसलिए विकास और पर्यावरण के बीच हमें संतुलन साधना सीखना होगा। नमामि ने बताया कि उनका दूसरा प्रिय विषय बालिका शिक्षा के क्षेत्र में काम करना है। और वह पूरी सिद्दत से अपने लक्ष्य पर ध्यान दे रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular