उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर विभाग के अधिकारियों के विकास कार्य को धरातल पर देखना चाहती है।
जिस भी अधिकारी ने अपने विभाग में अच्छे ढंग से काम नहीं किया है उस पर योगी सरकार लगाम कसने की तैयारी कर रही है। सरकार के द्वारा उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाया जाएगा और रिटायर कर दिया जाएगा।
उन्होंने विभागों को समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब बेईमान भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है। इनको तत्काल वीआरएस देकर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जानी चाहिए।
ऐसे सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी विभागों में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि राजकीय सेवा नियमावली के अंतर्गत नियुक्त अधिकारी किसी भी समय 50 वर्ष से अधिक समय पूरा करने पर 3 महीने का नोटिस देकर उन्हें जबरन रिटायर किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को उनके अधीन कार्यरत सभी कार्मिकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए 31 जुलाई तक स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव ने साफ किया है कि यदि किसी कर्मचारी के मामले को पहले स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखकर उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला किया जा चुका है तो उस कर्मचारी का मामला दोबारा कमेटी में रखने की जरुरत नहीं है।