रामगढ़ताल के सामने स्थित वाटर बाडी के सुंदरीकरण का काम जल्द शुरू हो जाएगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। 42 एकड़ में फैली वाटर बाडी के सुंदरीकरण के बाद पर्यटकों का आकर्षण और बढ़ेगा।
पाथ वे भी बनेगा
रामगढ़ताल नौकायन के सामने से आंबेडकर पार्क, वसुंधरा एन्क्लेव होते हुए वाटर बाडी योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे तक वाटर बाडी फैली है। पहले इसमें जलकुंभी भरी होती थी। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह की पहल पर वाटर बाडी को साफ किया गया। उसके बाद इसके सुंदरीकरण की परियोजना भी तैयार की गई। वाटर बाडी के चारो ओर करीब ढाई मीटर चौड़ा पाथ वे बनाया जाएगा।
छोटी नाव भी चलाई जाएगी
करीब छह किलोमीटर लंबा यह पाथवे टहलने के लिए शहर का सबसे बड़ा ट्रैक होगा। वाटर बाडी में छोटी नाव भी चलाई जाएगी। इसे आंबेडकर पार्क से भी जोड़ा जाएगा। वाटर बाडी के किनारे आकर्षक फूलों वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। नियमित दूरी पर बेंच लगाई जाएगी, जहां लोग बैठकर वाटर बाडी की रमणीयता को निहार सकेंगे। वाटर बाडी के चारो ओर आकर्षक लाइटें भी लगाई जाएंगी। इसका पूरा ट्रैक हरा-भरा होगा।
दस करोड़ रुपये होंगे खर्च
वाटर बाडी के सुंदरीकरण पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी एक होटल को दी जाएगी। वाटर बाडी में प्रारंभिक बिन्दु से लेकर अंतिम छोर तक छोटी नाव का संचालन किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि जल्द ही वाटर बाडी के सुंदरीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
दो पुल भी बनाए जाएंगे
वाटर बाडी पर दो पुल भी बनाए जाएंगे। एक पुल योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के पीछे से वसंधुरा एन्क्लेव तक बनाया जागएा। इस पुल के बन जाने से लोग आसानी से देवरिया बाईपास तक पहुंच सकेंगे। अभी वाटर बाडी के कारण तारामंडल क्षेत्र दो हिस्सों में बंटा नजर आता है। एक पुल वाटर बाडी के प्रारंभिक बिन्दु से नौकायन तक बनाया जाएगा। यह पैदल पुल होगा।