बुंदेलखंड वीरो की भूमि कहा जाता है। बुंदेलखंड में जन्म लेने वाले आल्हा उदल, महाराजा छत्रसाल, वीरांगना लक्ष्मी बाई और दुर्गावती ने युद्ध के दौरान वीरता की जो मिसाल कायम किया है उसे इतिहास कभी नहीं भुला सकता है। जब तक यह देश रहेगा और जब तक यह पृथ्वी रहेगा तब तक इन वीरों का नाम इस दुनिया में अमर रहेगा।
आपको बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर सफर करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बुंदेली वीरों की झलक भी आपको देखने को मिलेगी।
इनमें बने टोल प्लाजा और रैंप प्लाजा में जगह-जगह बुंदेलखंड की कला संस्कृति और यहां के वीरों की तस्वीरें देखने को मिलेंगी। इससे यहां से गुजरने वाले लोग सफर के दौरान ही बुंदेलखंड की वीर गाथा को आत्मसात कर सकेंगे।
धार्मिक ऐतिहासिक महत्त्व के चित्र-
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे लगभग तैयार हो ही चुका है और अब प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा इसका उद्घाटन भी किया जाएगा। 15 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ प्रधानमंत्री मोदी भी इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे उसके पहले इसमें सभी बचे हुए कार्यों को तेजी से किया जा रहा है।
वहीं टोल प्लाजा और रैंप प्लाजा में बुंदेलखंड की धार्मिक और ऐतिहासिक विरासतों की झलक दिखाने के लिए बुंदेलखंडी कला संस्कृति और धार्मिक ऐतिहासिक महत्त्व के चित्र बनाए जा रहे हैं।
हर टोल प्लाजा व दिखेगा बुंदेली लुक-
इस एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोग इस टोल प्लाजा में एंट्री करेंगे या फिर रैंप पर उतरेंगे वहां पर उन्हें बुंदेलखंडी संस्कृति देखने को मिलेगी।
हर टोल प्लाजा व रैंप को बुंदेली लुक में ढाला जा रहा है। इन्हें बुंदेलखंड की ऐतिहासिक इमारतों और दुर्ग का स्वरूप दिया जा रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की शुरुआत जनपद चित्रकूट के भरतकूप से हुई है। जहां भगवान श्री राम लक्ष्मण और सीता के साथ ऋषि मुनियों की पेंटिंग बनाई जा रही है।