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बेटी ने पूरा किया बेटा उनका फर्ज:माता-पिता बीमार पड़े तो बेटी ने ई-रिक्शा चलाकर संभाल लिया पूरा परिवार,जाने निशा के संघर्ष की कहानी

 

कहते हैं आजकल के समय में बेटियां बेटों से कम नहीं है और बेटियां भी आजकल बेटों का हर फर्ज निभा रही है. मुश्किल समय में आजकल बेटियां भी परिवार को संभाल लेती है और हर फर्ज निभा देती है. आज हम आपको एक ऐसे ही उत्तर प्रदेश की बेटी के बारे में बताने वाले हैं जो कि माता-पिता के बीमार पड़ने पर बेटा का प्रश्न है भाई और ऑटो चला कर मां-बाप की दवा का खर्चा और साथ ही साथ भाई बहन की पढ़ाई का खर्चा उठाने लगी.

भिंड शहर की दो बेटियों ने जरूरत पड़ने पर परंपराभंजक तेवर अपना लिए और पुरुषों के हिस्से का समझे जाने वाले कार्यक्षेत्र में दखल देकर परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं. शुरुआत निशा कुशवाह ने की.

उन्होंने पिता की सेहत देखी और तय कर लिया कि अब वे ई-रिक्शा चलाने की जिम्मेवारी उठाएंगी. निशा फिलहाल दसवीं में पढ़ रही है, लेकिन उसने ई-रिक्शा चलाकर माता-पिता की दवा का खर्च निकालना शुरू कर दिया. अपने भाई-बहन को भी पढ़ा रही है. पूरे दिन की इस मशक्कत के बाद रात में घर पहुंचकर अपनी दसवीं की पढ़ाई करती है.

अटेर रोड पर मातादीन पुरा में रहने वाली 16 साल की निशा अतरसिंह कुशवाह की बेटी हैं. खास बात यह है कि निशा से प्रेरित होकर उसकी सहेली ने भी टमटम चलाना शुरू कर दिया.

यह गौरतलब बात है कि समाज में जब महिलाओं को घर से निकलने पर भी कई तरह की पाबंदियां लगी होती हैं, ऐसे समय में निशा साहस की मिसाल पेश कर रही हैं. निशा से जब पूछा गया कि आपके मन में ई-रिक्‍शा चलाने का विचार कैसे आया, तब उन्‍होंने बताया कि पहले माता-पिता के साथ मजदूरी करने जाती थी, मगर एक साल पहले वे बीमार पड़ गए. जिसके बाद तीनों भाई-बहनों की पढ़ाई के साथ उनकी दवा का बोझ बढ़ गया.

 

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