उत्तर प्रदेश में Rapid Rail चलाने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है और इस दिशा में लगातार कदम बढ़ाया जा रहा है। मेरठ शहर में रैपिड रेल चलाने के लिए जोरों शोरों से काम जारी है। मेरठ शहर में रैपिड रेल से जुड़ी एक खास जानकारी सामने आ रही है। अब रैपिड रेल का अधिकांश हिस्सा मकानों के नीचे से गुजरेगा।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 1750 मकानों के नीचे से सुरंग गुजरेगी। इनमें से 70 मकान ऐसे हैं जिनके हैंडपंप व सबमर्सिबल की गहरी बोरिंग पाइप लाइन इसकी राह में बाधा बन सकती है। इन मकानों से हैंडपंप और सब मर्सीबल पाइप निकाली जाएगी।
एक हफ्ते के लिए किए जाएंगे शिफ्ट

आपको बता दें कि यहां पर जो कमजोर मकान है वहां के लोगों को किसी होटल या किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि जो मशीन जमीन के नीचे खुदाई कर रही है उससे मकान को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और ना ही मकान में दरार आएगा। यहां तक कि मकान में कंपन भी महसूस नहीं होगा।
फिर भी सतर्कता बरतते हुए परिवार के सदस्यों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। रीजनल रैपिड रेल कारिडोर के अंतर्गत मेरठ में रामलीला ग्राउंड के पास से गांधी बाग तक का हिस्सा भूमिगत बन रहा है।
5.50 किमी के इस हिस्से में भूमिगत स्टेशन व सुरंग शामिल हैं। शहर में फुटबाल चौक के नीचे मेरठ सेंट्रल, भैंसाली परिवहन निगम के वर्कशाप के नीचे भैंसाली स्टेशन व बेगमपुल में जीरो माइल के नीचे बेगमपुल स्टेशन बन रहा है।
नगर निगम करेगा पानी की आपूर्ति
जिन मकानों से हैंडपंप व सबमर्सिबल हटाया जाएगा वहां पर पेयजल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम को दिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही इसको लेकर बैठके आयोजित की जाएगी।
इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी खोदाई
आपको बता दें कि मेरठ शहर में खुदाई का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। जल्द से जल्द रैपिड रेल चलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी इसके दिशा में कार्य किया जा रहा है।