के कई जिलों में इस बार फिर से बाढ़ का खतरा तेजी से मंडराने लगा है और लोगों की परेशानियां भी काफी ज्यादा बढ़ने लगी है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में राप्ती नदी की बाढ़ से भारी तबाही हुई है और लगभग 350 गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं और जिन लोगों के पास अपना मकान पक्का नहीं है वह लोग दूसरों के घरों में जाकर रहने को मजबूर हो गए हैं.
लगभग 75 हजार हेक्टेयर धान फसल पानी में तबाह हो गई है। जिले के सभी प्रमुख मार्गों पर आवागमन ठप हो गया है। बलरामपुर के कोतवाली नगर, तहसील परिसर, बिजली घर, रजिस्ट्री दफ्तर सहित कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुसा है। बलरामपुर तुलसीपुर, उतरौला व बहराइच मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है। बिजली घर में पानी घुसने से नगर में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है।
आपको बता दें कि ग्रामीण इलाकों में जहां बाढ़ का पानी घुसा हुआ है वहां पर कई दिनों से बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है. बिजली नहीं आने से लोगों की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ने लगी है.
श्रीदत्तगंज के ग्राम चन्दापुर के पास बने बांध का लगभग 150 मीटर भाग कट गया है। नदी के कटान से बांध का काफी हिस्सा कटता जा रहा है। बांध के कटने से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हालात की गम्भीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डा. महेन्द्र कुमार ने कटान प्रभावित बाढ़ ग्रस्त गांवों का रविवार को निरीक्षण किया। कटान से प्रभावित ग्रामीणों के लिए तत्काल राहत कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। आपको बता दें कि कई गांव में बाढ़ के पानी घुसने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ रही है और साथ ही साथ डेंगू जैसी बीमारी भी तेजी से बढ़ने लगी है.