यूपी की योगी सरकार ने शोध छात्रों को सुनहरा अवसर देने जा रही है. सरकार ने यूपी के पिछड़े ब्लॉकों के विकास के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना शुरू की है. इस योजना के बारे में यूपी के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि शोधार्थियों की नियुक्ति एक साल के लिए की जाएगी, जिसके दौरान वे अपने-अपने जिलों के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के अधीन काम करेंगे. सरकार अब शोधार्थियों पारिश्रमिक के रूप में 30 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी, अतिरिक्त भ्रमण के लिए 10 हजार प्रति माह और टेबलेट खरीद के लिए एकमुश्त 15 हजार रुपये देने का ऐलान किया है.’मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम’ के लिए आवेदन 24 अगस्त तक किया जा सकता है. नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन http://cmfellowship.upsdc.gov.in/ पर 10 अगस्त से शुरू हो चुका है.
चयनित युवाओं द्वारा प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन किया जाएगा. यही नहीं, शोधार्थियों द्वारा योजनाओं के संचालन में आ रही चुनौतियों के निराकरण तथा योजनाओं से जनमानस को अपेक्षित लाभ पहुंचाने हेतु सुझाव भी लिए जायेंगे, साथ ही योजना से सम्बंधित नीति निर्धारण योजना संरचना एवं योजना के कार्यान्वयन से सम्बंधित कार्यों में प्रतिभाग किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी वाले ‘आकांक्षी ब्लॉक’ कार्यक्रम में नियुक्त होने वाले इन शोधार्थियों को यथासंभव विकास खंड में ही आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
इन सेक्टर में युवा कर सकते हैं अवेदन
सीएम फेलोशिप के लिए तय मानकों में कृषि, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज एवं संबद्ध क्षेत्र वन, पर्यावरण एवं जलवायु-शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण एवं कौशल विकास ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा- पर्यटन एवं संस्कृति डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आइटी, आइटीईएस, जैव प्रौद्योगिकी, मशीन लर्निंग डाटा गवर्नेंस बैंकिंग, वित्त एवं राजस्व-लोक नीति एवं गवर्नेंस सेक्टर के युवा आवेदन सकते हैं. विस्तृत जानकारी http://planning.up.nic.in/ पर ली जा सकती है.
कैबिनेट की बैठक में मिली थी मंजूरी
दरअसल पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम शुरू करने को अपनी मंजूरी दी थी. इसके तहत राज्य के 100 पिछड़े ब्लॉकों में विकास की गति को कैसे बढ़ाया जाए इस पर फोकस किया जाएगा. इस पर शोध कार्य करने के लिए हर ब्लॉक के लिए एक शोध छात्र की नियुक्ति की जाएगी. सरकार का प्रयास है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कमियों को दूर करने और उनका समाधान निकालने के लिए शोधार्थियोंं का सहारा लिया जाए.
शोधकर्ताओं के लिए ये रहेगी योग्यता
चयन के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, एक उम्मीदवार को एक प्रमुख कॉलेज या विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना चाहिए या स्नातक में न्यूनतम 60% प्राप्त करना चाहिए. केवल 40 वर्ष या उससे कम आयु वालों पर ही विचार किया जाएगा, इसका लाभ यूपी के सभी विश्वविद्यालयों से जुड़े शोध छात्रों को मिल सकता है.
वर्कफ्रंट की बात करें तो शहनाज ने अपने YouTube चैनल पर कंटेंट पोस्ट करना शुरू कर दिया. शहनाज ने हाल ही में अपना पहला रैंप शो किया और अपनी पहली हिंदी फीचर फिल्म कभी ईद कभी दीवाली के लिए शूट भी शुरू की है , इस फिल्म में अभिनेता सलमान खान लीड रोल में दिखेंगे.