UP को अगले 5 सालो में एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की मंजिल तक पहुंचने के लिए योगी सरकार एक्सप्रेस-वे और सड़कों के नेटवर्क को और विस्तार देगी। आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के बाद अब गंगा एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर-लिंक एक्सप्रेस-वे पर काम जारी है। इनके अलावा सरकार प्रदेश में कुछ नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना बना रही है।
भारतीय सड़क कांग्रेस (Indian Road Congress) के 81वें अधिवेशन में रविवार को उत्तर प्रदेश पर केंद्रित विशेष सत्र में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) अरविंद कुमार ने कहा कि प्रदेश में एक्सप्रेस-वे निर्माण को तेज गति देने के उद्देश्य से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अधीन यूपीडा का गठन अपने मकसद में कामयाब हुआ है।
गंगा एक्सप्रेस-वे तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाले 600 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 7700 हेक्टेयर (94 प्रतिशत) जमीन खरीदी जा चुकी है। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण जल्दी शुरू होगा और इसे तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुछ और एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के साथ यूपीडा की चर्चा हो रही है। प्रस्तावित बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण एनएचएआइ करेगा लेकिन इसके लिए जमीन यूपीडा उपलब्ध कराएगा।
ताकि रोज तीन गुणा फासला तय कर सकें ट्रक
उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की चालक सरीखी भूमिका पर प्रस्तुतीकरण करते हुए यूपीडा के मुख्य अभियंता सलिल यादव ने कहा कि शोध यह बताता है कि एक्सप्रेस-वे निर्माण सरीखे मेगा प्रोजेक्ट्स में एक प्रतिशत निवेश से सकल घरेलू उत्पाद में भी इतनी ही वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि खराब और संकरी सड़कों के कारण अभी देश की सड़कों पर ट्रक एक दिन में 250 से 300 किमी की दूरी तय कर पाते हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि सड़कों पर ट्रक एक दिन में 700 से 800 किमी का फासला तय कर सकें। इससे अर्थव्यवस्था को भी तेज गति मिलेगी। यूपीडा इसी दिशा में राज्य में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क बढ़ाने में जुटा है।
लोनिवि को करना होगा छह गुणा ज्यादा काम
प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेंद्र भूषण ने कहा कि एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए लोक निर्माण विभाग को अपनी मौजूदा क्षमता से साढ़े पांच से छह गुणा तक काम करना होगा। विभाग को सड़क, सेतु और रेल उपरिगामी सेतु के निर्माण की अपनी क्षमता को तीन गुणा बढ़ाना होगा। लोनिवि के मुख्य अभियंता अजय गंगवार ने परियोजनाओं के नियोजन, उनके निर्माण के लिए अपनाई जाने वाली टेंडर प्रक्रिया और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता लाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने तथा संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग के लिए विभाग द्वारा विभिन्न मोबाइल एप के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी।
पुखरायां-घाटमपुर-बिंदकी रोड के लिए टेंडर जल्द
उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (उपशा) के महाप्रबंधक (टेक्निकल) मनीष कुमार ने प्राधिकरण की ओर से सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत बिल्ट आपरेट ट्रांसफर (बीओटी) माडल पर बनवाये गए तीन राज्य राजमार्गों के उदाहरण दिए। इनमें वाराणसी-शक्तिनगर, बरेली-अल्मोड़ा और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर वाया देवबंद राज्य राजमार्ग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 82.53 किलोमीटर लंबे पुखरायां-घाटमपुर-बिंदकी राज्य राजमार्ग के निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर आमंत्रित किये जाएंगे।