रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार आने वाले दिनों में अभी महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शशिकांत दास के अनुसार दिसंबर 2022 तक महंगाई केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्य छह प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी।
लेकिन उन्होंने कहा कि इसके बाद यह 6% से नीचे आने की भी उम्मीद है. एक साक्षात्कार में दास ने कहा, ‘मुद्रास्फीति निश्चित रूप से अधिकांश देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती महंगाई का सामना कर रही हैं।
यह एक ऐसी समस्या है, जिसने दुनियाभर में सरकारों और केंद्रीय बैंकों को चिंता में डाल रखा है। जहां तक बात देश की महंगाई की है, तो इसके पीछे बाहरी कारण सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।
अप्रैल से हम बढ़ती महंगाई से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। ‘आरबीआइ गवर्नर से जब यह पूछा गया कि उन्होंने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए पहले नीतिगत दरों में वृद्धि क्यों नहीं की, इस पर उन्होंने कहा कि खामोशी से उठाए गए कदम समाचारपत्रों की सुर्खियां नहीं बनते हैं। इस महीने की शुरुआत में घोषित मौद्रिक नीति के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
दूसरी तिमाही में इसके 7.4 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार आने वाले समय में अभी महंगाई से राहत नहीं मिलेगी बल्कि लोगों को ऐसे ही महंगाई झेलना पड़ेगा.