आप अगर मां कामाख्या देवी में श्रद्धा रखते हैं और माता का दर्शन और पूजा करना चाहते हैं लेकिन आपके पास गुवाहाटी जाने के लिए वक्त नहीं है, तो आप राजधानी लखनऊ के मां कामाख्या का दर्शन कर सकते हैं।
गोमती नगर विस्तार में स्थित कामाख्या देवी मंदिर का निर्माण 1996 में किया गया था.इस मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी ईशानंद सरस्वती महाराज बताते हैं कि उन्होंने 26 साल श्मशान घाट में तपस्या की थी। वह हर समय माता के भक्ति में लीन रहते थे, तभी उनके मन में माता का मंदिर बनाने का विचार आया।
तब उन्होंने इस मंदिर की स्थापना कराई.यहां पर मां कामाख्या की हर शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना होती है.भक्त नारियल,चुनरी का भोग लगाते हैं और नारियल की बलि भी देते हैं.।
आपको बता दें कि इस खास मंदिर में माता कामाख्या मां के अलावा काल भैरव,बजरंगबली,काली मां,सरस्वती जी,लक्ष्मी जी,गौरी शंकर भोलेनाथ समेत दुर्गा जी भी विराजमान हैं। इसके साथ ही साथ यहां पर एक गर्भगृह भी है जिसके अंदर यहां पर पीठाधीश्वर तपस्या और हवन पूजन करते हैं.गर्भ गृह में आम जनता का जाना मना है। आपको बता दें कि यहां पर माता कामाख्या देवी मां का मुख पश्चिम दिशा की तरफ है।
सुबह सात बजे होती है आरती-
कामाख्या देवी धाम में रोज सुबह 7 बजे आरती होती है.इसके अलावा रात 8 बजे मंदिर बंद करने से पहले भी विशेष आरती की जाती है.इस मंदिर के खुलने का वक्त सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 तक.फिर शाम को 4 बजे से रात के 10 बजे तक का है। लोगों का कहना है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।