छत्तीसगढ़ की 16 साल की आदिवासी लड़की को नासा के प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के छोटे से गांव की रहने वाली रितिका ध्रुव को नासा के प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। रितिका ने अपने टैलेंट से आईआईटी और सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों को प्रभावित कर दिया।
रितिका के प्रेजेंटेशन का विषय ऐसा था कि बड़े-बड़े वैज्ञानिक हैरान हो गए। रितिका ने ‘अंतिरिक्ष में वैक्यूम है फिर भी नासा ने ब्लैक होल में ध्वनि कैसे ढूंढा ?’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी थी। वह एक आदिवासी समाज से आती है। अपनी प्रस्तुति से प्रभावित कर रितिका ने नासा जाने का सपना पूरा कर लिया। वह अब नासा के प्रोजेक्ट के लिए चुन ली गई है।
रितिका क्लास 11 की स्टूडेंट है
रितिका को क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए चुना गया है। रितिका क्लास 11 की स्टूडेंट है। रायपुर से 60 किलोमीटर दूर आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश स्कूल में वो पढ़ाई करती है। रितिका को बचपन से ही अंतरिक्ष संबंधी विषयों में दिलचस्पी रही है। नासा जाना उसके लिए अपना सपना पूरा करने जैसा है।
पिता करते हैं साइकिल की रिपेयरिंग
रितिका की प्रिंसिपल ने टीओआई से कहा कि रितिका की टीम ने बिलासपुर में बहुत अच्छा परफॉर्म किया। उन्होंने बताया कि रितिका फिलहाल 1 से 6 अक्टूबर के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के विषय में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में ट्रेनिंग ले रही है। रितिका की प्रिंसिपल ने बताया कि वो पढ़ाई में बहुत तेज रही है। वो ऑनलाइन क्विज में भी खूब पार्टिसिपेट करती है। प्रिंसिपल ने बताया कि रितिका बहुत ही साधारण परिवार से आती है। उसके पिता की साइकिल रिपेयरिंग की दुकान है।