उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार एक्सप्रेसवे और स्टेट हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले 5 सालों में उत्तर प्रदेश को कई नई एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने वाली है।
एक्सप्रेस वे पर स्टेट हाईवे की तुलना में यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलते हैं और साथ ही साथ कम समय में सफर तय किया जा सकता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक्सप्रेस वे की तुलना में स्टेट हाईवे पर सफर करना ज्यादा महंगा साबित होने वाला है।
स्टेट हाईवे पर वसूला जा रहा अधिक टैक्स-
मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो उत्तर प्रदेश के स्टेट हाईवे पर एक्सप्रेस में कि तुलना में काफी ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कार, जीप, वैन या हल्के मोटर वाहनों से 2.15 रुपये प्रति किलोमीटर टोल टैक्स वसूला जा रहा है। जबकि मुजफ्फरनगर-सहारनपुर (स्टेट हाईवे-59) पर टोल टैक्स की यह दर 2.97 रुपये प्रति किमी है। यानी कि स्टेट हाइवे पर लोगों से अधिक टोल टैक्स वसूला जा रहा है।
टोल टैक्स की दरें अलग-अलग-
आपको बता दें कि सभी राज्यों में तीन अलग कैटेगरी की सड़के होती है। पहला होता है नेशनल हाईवे दूसरा होता है स्टेट हाईवे और तीसरा होता है एक्सप्रेसवे। नेशनल हाईवे और एस्टेट में आमतौर पर फोरलेन का होता है और एक्सप्रेस वे आमतौर पर सिक्स लेन का होता है।
नेशनल हाईवे की बात करें तो अन्य दोनों कैटेगरी से इसका सफर सस्ता है। लखनऊ-फैजाबाद, लखनऊ-कानपुर और लखनऊ-रायबरेली में टोल टैक्स की दर 1.40 रुपये प्रति किलोमीटर है। बता दें कि स्टेट हाईवे की सड़कों को PPP मोड पर बनाया जा रहा है। इसलिए हो सकता है कि यहां पर टैक्स अधिक लग रहा हो।