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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय जिले का तीसरा विश्वविद्यालय बन गया है। गुरुवार को राज्यपाल ने प्रदेश में जिन तीन निजी विश्वविद्यालयों के संचालन का अध्यादेश जारी किया है, उसमें गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी शामिल है। अगले सत्र से विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 30 से अधिक रोजगार पाठ्यक्रमों के संचालन की योजना बनाई है।
सदर तहसील के सोनबरसा व सिक्टौर गांव में विश्वविद्यालय का भवन बनकर तैयार हो चुका है। विश्वविद्यालय के लिए खरीदी गई भूमि को विनियमित करने पर पिछले माह कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी थी। शासन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने विश्वविद्यालय परिसर का मौका मुआयना किया था। जिसमें शासन के मानक पर विवि पूरी तरह खरा पाया गया। करीब 200 एकड़ में अत्याधुनिक संसाधनों के साथ स्थापित होने वाले इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को बाजारोन्मुखी और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का विकल्प तो मिलेगा ही, साथ ही शोधार्थियों को शोध की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन
बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), डीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), बीएससी एलटी, बीए/बीएससी यौगिक साइंस, बीएससी एजी, बीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स (मैथ व बायो), बीएससी कंप्यूटर, बीकॉम, बीएड, बीएससी-बीएड, बीए-बीएड, बीपीएड, पैरा मेडिकल का सर्टिफिकेट, बीसीए, बीबीए, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स, शास्त्री ऑनर्स आदि।
विश्वस्तरीय बनेगा यह विश्वविद्यालय
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह का कहना है कि 1932 में परिषद की स्थापना के साथ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने पूर्वांचल की शिक्षा व्यवस्था के जिस मॉडल का सपना देखा था, वह गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अब पूरा हुआ है। यह विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय बनें, इसके लिए हम संकल्पित हैं।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय के संचालन के लिए राजभवन से अध्यादेश जारी हो गया है। इस विश्वविद्यालय से संचालित होने वाले सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक होंगे।
विश्वस्तरीय बनेगा यह विश्वविद्यालय