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उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के वाल्टरगंज थाने के एसओ देवेंद्र कुमार सरोज ने गूगल तकनीक से ऐसा सिस्टम बनाया है, जिससे थानों का काम आसान हो जाएगा। एक क्लिक पर सभी प्रकार की जानकारियां मिल जाएंगी। उनका यह सिस्टम पूरे गोरखपुर जोन में लागू होगा। इतना ही नहीं इसकी ट्रेनिंग भी वह पूरे जोन के 196 थाने के पुलिसकर्मियों को देंगे, जिसकी शुरुआत एडीजी दफ्तर से की गई है।
गोरखपुर के चौरीचौरा के मूल निवासी देवेंद्र कुमार सरोज ने कोई कंप्यूटर या इंजीनियरिंग का कोर्स नहीं किया है। बस सीखने की चाहत में कंप्यूटर पर कुछ नया करने लगे। कुछ दिनों की मेहनत रंग लाई और एक तकनीक से सिस्टम को विकसित करने में सफल हो गए।
दरअसल, देवेंद्र को जब थानेदार बनाया गया तो उनके सामने कई परेशानियां आईं। जैसे रिकॉर्ड में कुछ भी देखना हो तो थाने में रहना जरूरी होता था। इसके बाद ही उन्होंने गूगल तकनीक का इस्तेमाल कर एक ऐसा सिस्टम बनाया, जिससे थाने में होने वाले सभी कामकाज ऑनलाइन हो गए। कंप्यूटर, मोबाइल पर मेल की मदद से लागिंग कर थाने के जिम्मेदार कहीं से भी कुछ देख सकते हैं और उस पर काम कर सकते हैं।
सोमवार को अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए वे एडीजी अखिल कुमार के पास आए थे। इस दौरान प्रार्थना पत्र, शिकायतों के बारे में एडीजी ने जानकारी मांगी तो उन्होंने तुरंत बता दिया। उनके जवाब से एडीजी को आश्चर्य हुआ। पूछने पर उन्होंने इसके बारे में बताया। साथ ही एडीजी के कंप्यूटर पर संचालित करके भी दिखाया।
एडीजी ने सिस्टम की सराहना करते हुए उनका स्थानांतरण रोक दिया। साथ ही पूरे जोन में इसको लागू करने का आदेश भी जारी कर दिया। जल्द ही जोन के सभी थाने से एक-एक पुलिस वालों को एनेक्सी भवन बुलाकर ट्रेनिंग दी जाएगी।
ये जानकारियां हैं मौजूद
थाने में कितने प्रार्थना पत्र आए और उस पर क्या कार्रवाई हुई।
महिला हेल्प डेस्क पर प्रार्थना पत्र आने ही तुरंत उसकी जानकारी हो जाना।
ऑनलाइन ही मुकदमे का आदेश करना और मुंशी द्वारा उस पर कार्रवाई कर देना।
थानेदार मुकदमे या फिर किस मामले में क्या कार्रवाई हुई उसकी जानकारी बिना पूछे देख सकते हैं।
इलाके के एक गांव का विवरण, उस गांव के प्रमुख लोगों के मोबाइल नंबरों का अलग डाटा।
बदमाश, हिस्ट्रीशीटर किस इलाके के हैं और कहां पर हैं, इसका ऑनलाइन अपडेट।
कोई फरियादी कितनी बार प्रार्थना पत्र दिया, इसकी पूरी जानकारी।
प्रार्थना पत्र को देखने के लिए नाम टाइप करते ही पता चल जाएगा कि कितने दिन पहले आया था।
प्रार्थना पत्र साल भर पहले या उससे भी पहले का हो तो भी वह प्रार्थना पत्र सामने होगा।
एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि खुद की रुचि से एक एसओ ने जिस तरह से काम किया है, वह सराहनीय है। हर थाने में इस तरह से काम हो सके, इसके लिए पूरे जोन के थाने की पुलिस को ट्रेनिंग जल्द दी जाएगी। गोरखपुर कार्यालय से इसकी शुरुआत कर दी गई है। फरियादी कब और कितनी बार आया जैसी जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी। अन्य जानकारी भी इसी तरह हासिल की जा सकती है।
ये जानकारियां हैं मौजूद