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गोरखपुर जिले में जल्द ही शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की किल्लत दूर हो जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से आरके ऑक्सीजन गैस प्लांट को एक ऑक्सीजन टैंकर गैस उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस उपलब्ध है लेकिन शुक्रवार को शहर के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की किल्लत की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ा। महेवा स्थित एक अस्पताल में ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराने के लिए पार्षद को कमिश्नर आवास पर धरना देना पड़ा।
गीडा के ऑक्सीजन गैस प्लांट मोदी केमिकल्स की दो प्लांट और आरके ऑक्सीजन के एक प्लांट से रोजाना करीब 2300 से 2400 सिलिंडर गैस का उत्पादन होता है। इसमें मोदी केमिकल्स के दोनों प्लांटों में क्रमश: 800-800 सिलिंडर गैस का उत्पादन होता है। वहीं मात्र 300-350 क्षमता वाले आरके ऑक्सीजन में इन दिनों 600 से 700 सिलिंडर गैस का उत्पादन होता है। तीनों प्लांट से पूरी क्षमता के साथ उत्पादन किया जा रहा है।
वहीं जिला प्रशासन की ओर से आरके ऑक्सीजन को एक टैंकर ऑक्सीजन गैस मुहैया कराई जा रही है। शुक्रवार रात करीब 10 बजे तक आरके ऑक्सीजन प्लांट तक ऑक्सीजन गैस टैंकर नहीं पहुंच सका था। संचालन अजय जायसवाल का कहना है कि देर रात इसके पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा राउरकेला से ऑक्सीजन गैस टैंकर रिफिलिंग होकर चल चुका है। रविवार तक इसके भी पहुंच जाने की संभावना है।
फैक्ट्रियों से माल ढुलाई के वाहनों के लिए बनेगा पास
नाइट कर्फ्यू के दौरान गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की औद्योगिक इकाइयों में माल ढुलाई के लिए आने वाले वाहनों, कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए पास जारी किए जाएंगे। गीडा सीईओ पवन अग्रवाल ने पास जारी करने के लिए टीम का गठन किया है। गीडा के विशेष कार्याधिकारी रवींद्र सिंह यादव को नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रबंधक सिविल संजय तिवारी, सहायक प्रबंधक सिविल बृजेश अग्रहरि को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। उद्यमी इन अधिकारियों से संपर्क कर पास बनवा सकते हैं।