सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अन्याय व उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वे कभी अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटे। हम सभी को उनके रास्ते पर चलने का संकल्प लेना है।
अखिलेश यादव शनिवार को पार्टी मुख्यालय में सिख समाज की ओर से श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में खेती को कॉरपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश के खिलाफ किसान कड़ाके की ठंड में भी मैदान में जमे है।
इसमें सिख समाज के किसान मुख्य भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा, सपा सरकार बनने पर सिख गुरुओं और पंजाबी साहित्यकारों को उचित सम्मान देंगे। पंजाबी अकादमी को ज्यादा मदद दी जाएगी।
इस समाज को संगठन और सरकार में मुख्य भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, पूर्वांचल और बिहार के किसान बहुत गरीब है। भाजपा सरकार के तमाम दावों के बावजूद उन्हें गेहूं-धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला है। भाजपा को आंदोलित किसानों के आगे झुकना ही पड़ेगा।
यूपी पंजाबी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष सरकार हरपाल सिंह जग्गी ने कहा कि किसानों, सिखों का विश्वास अखिलेश यादव पर है। उनके मुख्यमंत्री रहते ही सिख समाज को हक, सम्मान मिला। भाजपा सरकार सिखों की उपेक्षा कर रही है।
वर्ष 2022 में अखिलेश यादव को पुन: मुख्यमंत्री बनाने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सरदार हरदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, जसविंदर सिंह, दरबारा सिंह, परमजीत सिंह लाली, इंदरजीत सिह खालसा, हीरा सिंह, सुखचैन सिंह मौजूद रहे।
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