निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचि�
उत्तर प्रदेश में राम की नगरी अयोध्या में अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव व वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास ने अपने विरोधियों से जान का खतरा बताया है। उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को वापस किए जाने के के बाद यह बात कही है। महंत गौरी शंकर दास ने इस प्रकरण को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शीघ्र ही उनके सामने रखने की बात कही है। एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि जल्द ही उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।
निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव गौरी शंकर दास के गुरु रामाज्ञा दास की हनुमानगढ़ी में 1995 में अत्याधुनिक असलहों से भोर में ही 23 राउंड फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से महंत गौरीशंकर दास का जीवन संघर्षों से पूर्ण रहा है।
निर्वाणी अखाड़ा से जुड़े देश के अन्य पीठों पर भ्रमण करते हैंमहंत गौरीशंकर दास 2010 में अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अखाड़ा के महासचिव चुने गए। इस पद पर रहते हुए निर्वाणी अखाड़ा से जुड़े देश के अन्य पीठों पर भ्रमण करते रहते हैं। हाल ही में हरिद्वार कुंभ वृंदावन कुंभ में उन्होंने निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव वह वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में अपनी भूमिकाओं का निर्वहन किया।
सुरक्षा के अभाव में हुए निकल नहीं पा रहे हैं
बकौल महंत गौरी शंकर दास गत मार्च माह में उनकी सुरक्षा में लगा एकमात्र गनर हटा लिया गया। हरिद्वार वृंदावन को कुम्भ में उन्हें स्थानीय प्रशासन से बेहतर सुरक्षा मिली हुई थी। वर्तमान में महंत गौरीशंकर दास अयोध्या के हनुमानगढ़ी अपने आश्रम में है और सुरक्षा के अभाव में आश्रम से निकल नहीं पा रहे हैं। उनके अनुसार उनके गुरु रामाज्ञा दास के हत्यारों व उनसे जुड़े लोगों से खतरा अभी भी बना हुआ है। इससे पहले भी उन पर कई बार जानलेवा हमले का प्रयास किया जा चुका है।
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