सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को विपक्ष फूटी आंखों नहीं सुहाता है। लोकतंत्र में उसका विश्वास नहीं हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर 20 दिनों से आंदोलित हैं। पर सरकार उनकी सुनने के बजाय अपनी मनवाने का हठ पाले हुए है। झूठे तर्कों से भ्रम फैलाकर किसानों का आंदोलन तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है। भाजपा को किसानों के मुद्दे पर अलोकतांत्रिक कामों के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि सरकार, संविधान प्रदत्त अधिकारों को दरकिनार कर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज करा रही है। किसानों के समर्थन में आंदोलन पर सपा कार्यकर्ताओं को जेल भेजकर भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में असहमति अब बड़ा अपराध बन गया है। भाजपा की नीति ही किसान विरोधी है। ओलावृष्टि, बेमौसम बरसात से बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं मिला। गन्ना किसान का बकाया भुगतान नहीं हुआ। उसे न तो लागत का ड्योढ़ा दाम मिला न उसकी आय दोगुनी हुई। अब उसकी खेती को कॉरपोरेट कंपनियों का बंधक बनाने, किसान को खेत मालिक की जगह मजदूर बनाने और सरकारी संस्थानों को बेचने या निजी हाथों में सौंपने के काम में ही भाजपा सरकार लगी है।
बर्बादियों का जश्न मना रहे सीएम
अखिलेश ने आरोप लगाया कि जुमलेबाजी के अलावा मुख्यमंत्री की कोई उपलब्धि नहीं है। भाजपा सरकार ने जनहित की एक भी योजना लागू नहीं की। जब यूपी में कोई विकास हुआ ही नहीं तो अब चार वर्ष बाद मुख्यमंत्री कार से औचक निरीक्षण करने के लिए निकलने की घोषणा कर रहे हैं। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की न तो कोई नीयत है और न कोई सोच है। उन्होंने हर काम को धुआं कर दिया है। भाजपा ने ‘हर फिक्त्रस् को धुए में उड़ाता चला गया’ को ही अपना आदर्श वाक्य बना लिया है। मुख्यमंत्री बर्बादियों का जश्न मनाते हुए चल रहे हैं।