लखनऊ। ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए लखनऊ जंक्शन से बुधवार रात ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो रवाना की गई। इसमें सेना के युद्धक टैंक ले जाने वाले लो फ्लोर रैक का इस्तेमाल किया गया है। बुधवार को खाली रैक दौड़ाकर ट्रायल भी लिया गया। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन लोड करने के लिए लखनऊ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो भेजी जा रही है।
राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन के संकट से निपटने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया गया। मंगलवार को प्रदेश सरकार की ओर से जिलों से खाली ऑक्सीजन टैंकरों को लाकर चारबाग स्टेशन के कैब-वे से सटी साइडिंग पर लोड किया गया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी व डीआरएम संजय त्रिपाठी मौके पर मौजूद रहे। डीआरएम ने बताया कि पहला रैक रात 10 बजे बोकारो रवाना किया गया। इससे पहले लखनऊ से उतरेटिया के बीच ट्रायल किया गया, जिससे रैक ले जाते समय दिक्कत न हो। एक रैक में सात ऑक्सीजन टैंकर भेजे गए। ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ से बोकारो की 805 किमी की दूरी 16 घंटे में पूरी कर लेगी।
यहां से मंगाए सेना के रैक
ऑक्सीजन एक्सप्रेस में जिन लो फ्लोर रैक का इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें पंजाब के खंदारीकला, भटिंडा व यूपी के बबीना बेस से मंगवाया गया है। इन्हें बीबीसीएम और एनबीडब्लूटी रैक कहते हैं। तीन और रैक सेना से मांगे गए हैं, जो जल्द लखनऊ पहुंचेंगे।
रेलवे ने बनाया ग्रीन कॉरिडोर
डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि सड़क मार्ग से लखनऊ से बोकारो जाने पर 30 से 36 घंटे लगते हैं, लेकिन ट्रेन में 16 घंटे से भी कम लगेगा। खाली टैंकर ले जाने में सावधानी बरतनी होती है, इसलिए ट्रायल किया गया। रैक के ब्रेक सिस्टम को देखते हुए गति 50 से 55 किमी प्रतिघंटा ही रखी जाएगी। हालांकि, जब ऑक्सीजन एक्सप्रेस लौटेगी तो रफ्तार 5 से 15 किमी तक बढ़ाई जा सकती है। पूरे रूट को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में बनाया गया है।