लखनऊ। निजी स्कूल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों की परीक्षाएं ऑफलाइन कराएंगे। ऑनलाइन टेस्ट व परीक्षा से छात्रों की बौद्धिक क्षमता व कुशलता घटती जा रही है। निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव रखते हुए सरकार से मांग की है। वहीं, स्कूलों ने अभिभावकों से बकाया फीस की भी मांग की है। संगठन का कहना है कि फीस बकाया रहने पर छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा।
सेंट फ्रांसिस स्कूल में आयोजित संगठन की प्रेस वार्ता में अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की कक्षाएं 5 घंटे संचालित करने की अनुमति मिल गई है। सरकार से मांग है कि सोमवार से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों की पढ़ाई भी स्कूलों में शुरू कर दी जाए। इसके साथ ही स्कूलों ने सभी छात्रों की परीक्षाएं ऑफलाइन कराने का निर्णय लिया है इसका प्रस्ताव भी शासन को भेज दिया है। उन्होंने बताया कि बाजार, मॉल व भ्रमण स्थलों पर लोगों की भीड़ पहले जैसे होने लगी है। परिस्थितियां काफी हद तक सुधर चुकी हैं। वहीं, ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों का स्किल्स घटता जा रहा है। मॉनिटरिंग भी सही से नहीं हो पा रही है। ऑफलाइन परीक्षाएं नहीं होंगी तो छात्रों के लिखने-पढ़ने की आदत छूट जाएगी। संगठन से जुड़े निजी स्कूलों के प्रबंधन ने बताया कि कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के पढ़ाई अब काफी हद तक ऑफलाइन मोड में आने लगी है। पांच घंटे की परीक्षा होने के बाद लाइव कक्षाएं काफी कम हो गईं हैं। ऑनलाइन गतिविधियां काफी हद तक घट गई है। छात्र अब रोजाना स्कूल आने लगे हैं। ऑफलाइन कक्षाओं पर ज्यादा फोकस है।
परीक्षा में बैठने के लिए फीस जमा करनी होगी
संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि अभी भी काफी संख्या में अभिभावकों की फीस नहीं आई है। करीब 30 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों की फीस बाकी है। उन्होंने अभिभावकों से बकाया फीस जमा करने की मांग की है। बकाया फीस जमा करने पर परिस्थिति अनुसार छूट भी दी जाएगी। स्कूलों ने साफ किया है कि फीस जमा न करने पर छात्र को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा।