यूपी के कानपुर में हुए बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट एसआईटी ने सरकार को सौँप दी है। इसमें विकास दुबे की सम्पत्ति की जांच ईडी से कराने की सिफारिश की गई है।
विकास दुबे के पास करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रतिबंधित चीजें एकत्र कर रखी थीSIT के प्रमुख संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने सौंपी रिपोर्ट
कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की सामूहिक हत्या की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) ने इस घटना के मास्टरमाइंड रहे विकास दुबे की 150 करोड़ रुपए की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच की सिफारिश की है। दुबे इसी साल 10 जुलाई को STF के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया था।
इससे पहले SIT के प्रमुख संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी संक्षिप्त रिपोर्ट पिछले अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी थी। इसमें 11 लघु अवधि, 9 मध्यम अवधि एवं 7 दीर्घ अवधि के कुल 27 प्रशासनिक सुधार करने की सिफारिश की है। जिसके लागू होने के बाद पुनः इस प्रकार की कोई भी घटना दोबारा घटित करने की किसी में साहस न हो। इसके अतिरिक्त शासकीय विभागों यथा पुलिस एवं राजस्व के कार्यशैली एवं कार्य संस्कृति में सुधार के संबंध में कुछ अन्य महत्वपूर्ण सिफारिश भी की है।
90 से ज्यादा प्रशासनिक अफ़सर, जो कि राजस्व, अन्य विभाग के शामिल हैंSIT द्वारा दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके खजांची वाजपेयी के विरुद्ध लगभग 150 करोड़ की अवैध संपत्ति का साक्ष्य एकत्रित कर भारत सरकार ईडी से कार्रवाई कराने की संस्तुति भी की गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें 90 के लगभग वरिष्ठ और जूनियर पुलिस, विकास, खाद्य एवं राजस्व अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार वृहद एवं लघु दंड’ की कार्रवाई शामिल है। इनमें पुलिस, प्रशासनिक और अन्य विभाग के अधिकारियों की अंतर लिप्ता मुख्य आधार रहा है। इन कार्रवाई की संस्तुति निम्न कारणों के लिए SIT को करनी पड़ी।
पासपोर्ट गलत तरीके से मिला, अवैध शास्त्र की खरीद फ़रोख़्तएसआईटी द्वारा बिकरू कांड में लिप्त दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उनके साथियों जिन्होंने प्रचूर मात्रा में अवैध बंदूकें एवं कारतूस, अवैध तरीके से खरीदे एवं बेचे गए थे। इसके विरुद्ध अवैध शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराकर अभियोजन की कार्यवाही कराने तथा जिन्होंने गलत तरीके से पासपोर्ट प्राप्त किया था। उनके विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज करा कर तत्काल अभियोजन की कार्यवाही कराने की संस्तुति भी की गई है।
विकास दुबे के पास करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे प्रतिबंधित वस्तुएं इनकी जानकारी पुलिस को थी लेकिन उन्होंने फिर भी कार्रवाई नहीं की थी। इसके अलावा विकास दुबे से 11 जुड़े अपराधियों के विरुद्ध फर्जीवाड़ा कर सेल फोन के सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए भी एफआईआर दर्ज कराकर अभियोजन की कार्रवाई की संस्तुति भी की है।
एसआईटी ने 12 जुलाई को शुरू की थी जांच, 16 अक्टूबर को किया पूरा
12 जुलाई, 2020 को एसआईटी ने अपनी जांच शुरू की जिसको 16 अक्टूबर, 2020 को पूरा किया। एसआईटी ने मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित 09 बिंदुओं को आधार बना कर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है। बिकरु कांड में गठित एसआईटी की टीम ने 09 बिंदुओं पर 12 जुलाई, 2020 को साक्ष्यों के संदर्भ में अपना काम घटना स्थल का निरीक्षण कर शुरू किया था। एसआईटी को 31 जुलाई, 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी थी, लेकिन साक्ष्य के लिए गवाहियों की संख्या बढ़ने, अभिलेखीय साक्ष्य एकत्रित करने और कोविड महामारी के कारण रिपोर्ट को 16 अक्टूबर, 2020 को पूरा किया जा सका।
Input – Bhaskar.com