केंद्र में यूपी के आईपीएस अफसरों का प्रतिनिधित्व घटता जा रहा है। मौजूदा समय में पचास प्रतिशत से भी कम संख्या होने पर केंद्र ने यूपी के अफसरों से प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन मांगे हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर कहा गया है कि केंद्र में बड़ी संख्या में पद खाली हैं और यूपी से पर्याप्त संख्या में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन नहीं आ रहे हैं।
इसके लिए पूर्व में भी कई पत्र भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए सीनियर ड्यूटी पोस्ट का 40 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति के लिए रिजर्व है। यूपी में कुल 280 सीनियर ड्यूटी पोस्ट हैं यानी 112 आईपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एक समय में रह सकते हैं।
दरअसल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए प्रदेश के 112 अफसरों का कोटा है लेकिन मौजूदा समय में यह संख्या 50 से भी कम है। मौजूदा समय में यूपी कॉडर के केवल 47 आईपीएस अफसर ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 1 जनवरी 2019 से अब तक चार अफसर केंद्र से ही रिटायर हो गए जबकि 16 अफसर केंद्र से वापस अपने मूल कॉडर यूपी में आए हैं। इस दौरान केवल पांच आईपीएस अफसरों को ही केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर जाने की अनुमति दी गई है।
इसमें 1989 बैच के आईपीएस आदित्य मिश्रा, 1997 बैच के दीपक रतन, 2004 बैच के के. एजिलारसन, 2005 बैच की मंजिल सैनी और 2007 बैच की दीपिका गर्ग का नाम शामिल है। 1989 बैच के पीवी रामाशास्त्री और 2007 बैच के आईपीएस नितिन तिवारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अनुमति दे दी गई है, लेकिन ये अफसर अभी गए नहीं।
सूचीबद्घ किया गया है पर प्रतिनियुक्ति के लिए अनुमति मिलना बाकी
इसी तरह यूपी के आईजी स्तर के अफसर मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार और गृह विभाग में सचिव के पद पर तैनात भगवान स्वरूप को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए सूचीबद्घ किया गया है, लेकिन प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनुमति मिलना बाकी है।
मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की ओर से बुलावा भी आ रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार प्रभाकर को छोड़ने के लिए राजी नहीं। प्रभाकर की गिनती ईमानदार अफसरों में होती है। वहीं सूत्रों का कहना है कि पहले भी प्रदेश के कई अफसरों ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इसमें एडीजी रैंक के चार अफसर शामिल हैं।
लौट कर आए अफसरों को दीं गईं अहम जिम्मेदारी
बीते दो साल में जो आईपीएस अफसर वापस आए हैं उन्हें सरकार ने अहम जिम्मेदारियां दीं। डीजी रैंक के अफसर डीएस चौहान को इंटेलीजेंस जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात किया गया। राजीव सब्बरवाल को मेरठ, अखिल कुमार को गोरखपुर और भानु भास्कर को कानपुर जोन का एडीजी बनाया गया है।
अशोक कुमार सिंह को ट्रैफिक, रवि जोसेफ को डीजीपी का जनरल स्टाफ आफिसर, ज्योति नारायण को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी, जीके गोस्वामी को एटीएस का मुखिया और तरुण गाबा को गृह विभाग में सचिव के पद पर भेजा गया। दो साल में केंद्र से लौटे अन्य अफसरों में 1990 बैच के आईपीएस संदीप सालुंके को तकनीकी सेवाएं और 1997 बैच के नवीन अरोड़ा को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में संयुक्त पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई।
सूचीबद्घ किया गया है पर प्रतिनियुक्ति के लिए अनुमति मिलना बाकी