कोरोना और दिल्ली के लॉकडाउन से राजधानी के औद्योगिक क्षेत्रों की इकाइयों में ताले पड़ने शुरू हो गए हैं। 10 प्रतिशत इकाइयों में तालाबंदी हो चुकी है।
राजधानी के चिनहट, अमौसी, तालकटोरा, कानपुर रोड, मोहनलालगंज की 300 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन बंद हो गया है।
इसका सबसे अहम कारण औद्योगिक इकाइयों के मालिकों के परिवार के अधिकतर सदस्यों का संक्रमित होना है। इससे उद्यमी इकाइयों की निगरानी नहीं कर पा रहे हैं।
कच्चे माल की आवक पर भी असर
दिल्ली में लॉकडाउन और महाराष्ट्र के हालात बेहद खराब होने से औद्योगिक इकाइयों के लिए कच्चा माल की आवक पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा कच्चा माल इन्हीं राज्यों से आता है। पर्याप्त कच्चा माल नहीं मिलने से उत्पादन के समय को भी कम कर दिया गया है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लखनऊ चैप्टर के चेयरमैन अवधेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि कर्मचारी भी परिवार लेकर गांव चले गए हैं। इस कारण भी तालाबंदी हुई है।
अमौसी में 50 इकाइयों की आवाज बंद
अमौसी औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी ने बताया कि संक्रमण के चलते इन दिनों ऑक्सीजन गैस की मांग बढ़ गई है। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों को सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन मरीजों को दी जा रही है। इससे लोहे का सामान बनाने वाली इकाइयों पर असर पड़ा। अमौसी की लगभग 50 इकाइयों में उत्पादन बंद है।
आवश्यक उत्पाद के उत्पादन पर नहीं असर
सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष नीलमणि वार्ष्णेय ने बताया कि यहां की औद्योगिक इकाइयों में आम जनता की आवश्यक जरूरत के उत्पाद पर कोई असर नहीं पड़ा है। 70 इकाइयों में दवा, फूड प्रोडक्ट, साबुन आदि का उत्पादन हो रहा है। इनमें कोविड के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
प्रोडक्शन का समय भी घटा
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर सचिव मोहित बंसल ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन के बाद राजधानी के उद्यमियों को इकाइयों में उत्पादन के समय को भी घटाना पड़ा है। पहले जो फैक्ट्री 24 घंटे चलती थी, अब उसे 12 घंटे और जो 12 घंटे चल रही थी उसे 8 घंटे कर दिया गया है। इसकी वजह तैयार माल के खरीदार कारोबारी घटना है।