कुर्की की कार्रवाई के एक दिन बाद ही शनिवार को आत्मसमर्पण करने पहुंचे विकास दुबे के भाई दीपक दुबे को कोर्ट ने कोरोना जांच रिपोर्ट न होने के कारण वापस कर दिया। विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने दीपक की अर्जी को कोरोना की जांच रिपोर्ट के साथ पेश करने का आदेश दिया है। दीपक पर धोखाधड़ी और जानमाल की धमकी देने का आरोप है।
गौरतलब है कि विकास और उसके भाई के खिलाफ कृष्णानगर थाने में विनीत पांडेय ने 5 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि नीलामी में खरीदी गई सरकारी गाड़ी को विकास और दीपक ने धमकी देकर ले लिया था। मांगने पर इन्होंने गाड़ी देने से इनकार कर दिया। बाद में इस गाड़ी को पुलिस ने दीपक दुबे के घर से बरामद किया था। दीपक दुबे के फरार होने के बाद शुक्रवार को पुलिस ने उसके घर की कुर्की कर ल। शनिवार को दीपक ने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने की अर्जी दी थी, जिसपर कृष्णानगर पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दीपक वांछित है।
कोर्ट ने दीपक को सरेंडर करने के लिये 21 दिसंबर तक का समय दिया था, लेकिन शनिवार को ही दीपक की ओर से जल्द सुनवाई की मांग वाली अर्जी देकर हिरासत में लेने के लिए गुजारिश की गई। कोर्ट ने कोरोना की रिपोर्ट न होने के चलते उसे हिरासत में नहीं लिया और अर्जी को कोरोना की रिपोर्ट आने पर पेश करने का आदेश दिया।