मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किमी. लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे को पीपीपी मॉडल पर बनाने में आठ निवेशकों ने रुचि दिखाई है। इस एक्सप्रेस-वे को डिजाइन, बिड, फ ाइनेंस, ऑपरेट, मेंटेन व ट्रांसफर के आधार पर बनाए जाने का प्रस्ताव है।
अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार व सीईओ यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी की संयुक्त अध्यक्षता में शनिवार को निविदा मूल्यांकन समिति की प्री-ईओआई (प्री-एक्सप्रेसेन ऑफ इंट्रेस्ट) कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। इसमें परियोजना का विकास करने के लिए इच्छुक सभी आठ आवेदनकर्ता उपस्थित हुए।
आवेदनकर्ताओं के सवालों का समाधान करने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। सीईओ यूपीडा अवनीश ने निविदाकर्ताओं को बताया कि एक्सप्रेस-वे से संबंधित भूमि अधिग्रहण का कार्य इसी महीने शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल इस परियोजना का शिलान्यास जून 2021 में कराने की योजना है। बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा श्रीश चंद्र वर्मा व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस-वे 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर निकलेगा। इस परियोजना में 12 पैकेज हैं और प्रत्येक पैकेज की लंबाई 50 किमी है।