सपा सरकार में खनन मंत्री रहे और दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को पुलिस ने बृहस्पतिवार दोपहर बाद 3 बजे हजरतगंज के रोवर्स रेस्टोरेंट के पास से गिरफ्तार कर लिया। अनिल के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार में 17 सितंबर को उनकी कंपनी के पूर्व निदेशक बृजभवन चौबे ने जालसाजी, रंगदारी और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। तभी से वह फरार था। इस मामले में पूर्व मंत्री गायत्री भी आरोपी हैं।
दुष्कर्म और वकील को धमकाने व रंगदारी मांगने के मामले में जेल में बंद गायत्री प्रजापति के बेटे अनिल की गिरफ्तारी केस दर्ज होने के चार महीने बाद हुई। प्रभारी निरीक्षक अखिलेश चंद्र पांडेय के मुताबिक, गायत्री प्रजापति के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में भी जालसाजी, रंगदारी और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
इस्पेक्टर के मुताबिक बृज भवन चौबे गोमतीनगर विस्तार के खरगापुर सरस्वतीपुरम में रहते हैं। वह गायत्री की कंपनी में निदेशक थे। बृज भवन का आरोप है कि गायत्री ने महिला को दुष्कर्म के मामले में पक्षद्रोही बनने के लिए जो मकान व जमीनें दीं, वह उनकी थीं।
उन्होंने बताया कि जब गायत्री की जमानत हाईकोर्ट से निरस्त हो गई तो उन्होंने बेटे अनिल के माध्यम से महिला से संपर्क किया। अनिल ने 29 फरवरी 2016 को उन्हें एक सेल डीड दी जो मुकेश कुमार के नाम की थी। इसकी वर्तमान कीमत ढाई करोड़ रुपये है। साथ ही अनिल ने अपने हस्ताक्षर से आईसीआईसीआई बैंक खाते के दो-दो करोड़ रुपये के दो चेक दिए।
इसके बाद उन्होंने अनिल के कहने पर एक प्रापर्टी डीलर से संपर्क कर 19 जुलाई 2018 और एक अगस्त 2018 को महिला के पक्ष में 45 लाख रुपये व 48 लाख रुपये की संपत्ति की दो सेल डीड कराईं। करीब एक करोड़ रुपये की संपत्तियां मिलने के बाद भी महिला का लालच खत्म नहीं हुआ तो उसने और जमीन की मांग की।
इस पर पूर्व मंत्री और बेटे ने बृजभवन से उनकी व पत्नी के नाम से खरगापुर में स्थित 90 लाख रुपये कीमत के दो प्लाट महिला के नाम करने को कहा। बकौल बृज भवन, उन्होंने बैनामा करने से इनकार किया तो पूर्व मंत्री ने जान से मारने और पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। डर के मारे बृज भवन ने चार अगस्त 2018 को दोनों प्लॉट महिला के नाम कर दिए।
पूर्व मंत्री ने बेनामी संपत्तियों को बेचकर रुपये पहुंचाने को कहा
बृजभवन चौबे अनुसार, इतना देने के बाद भी पूर्व मंत्री ने मुकेश के नाम से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों को बेचकर नकद रुपया महिला को पहुंचाने के लिए कहा। पूर्व मंत्री का कहना था कि महिला के नाम ज्यादा जमीन होगी तो लोगों को शक होने लगेगा इसलिए नकद रुपया दिया जाए। इस उन्होंने अपने रिश्तेदारों और करीबियों से करोड़ों रुपया उधार लेकर मंत्री के आदमियों को दिए, जिसे महिला के खातों में डलवाया गया।
उन्होंने इसके सारे प्रमाण होने की बात कही है। महिला अभी उनसे और जमीन मांग रही है। बृज भवन का कहना है कि जब पूर्व मंत्री से अपनी जमीन का रुपया मांगा तो उन्होंने व अनिल ने धमकाना शुरू कर दिया। उन्हें निदेशक पद से हटा दिया और बकाया वेतन भी नहीं दिया। कई चेक पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए। पूर्व मंत्री ने उन्हें केजीएमयू भी बुलाया था।
आगे पढ़ें