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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर गेहूं खरीद के फर्जी आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिचौलियों को मदद पहुंचाने के लिए क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है। किसान औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं।
उन्होंने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर कहा कि कोरोना संकट से कोरोना संकट से प्रदेश के हालात बेकाबू हो चुके हैं। अस्पतालों व श्मशान स्थलों पर लाइन लगी है। अधिकारी झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं। कोरोना नियंत्रण में सरकार के हाथ-पांव फूल रहे हैं। मुख्यमंत्री अनिर्णय की स्थिति में हैं। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, किसान बेहाल हैं।
अखिलेश ने कहा कि जो सरकार अपने दोष दूसरों पर मढ़ कर सिर्फ सत्ता सुख भोगने में ही लिप्त है, उसके जाने से ही जनता को तकलीफों से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बहाने सरकार ने किसानों से गेहूं खरीद बंद कर दी है। क्रय केंद्रों से किसान लौटाए जा रहे हैं। किसान अपनी फसल बिचौलियों को कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
एमएसपी का लाभ सरकार बिचौलियों को दे रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को गेहूं खरीद में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराने की चुनौती दी। कहा, विभिन्न जिलों में अग्नि कांड और बेमौसम बारिश से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सरकार किसानों के लिए तत्काल मुआवजे की घोषणा करे।