गोमती नदी पर बन रहे चार लेन के ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट में दो महीने तक की देरी हो सकती है। इसकी वजह यह है कि जहां बजट के लिए शासन में विभागों की बैठक नहीं हो पा रही है। वहीं एलडीए ने प्रोजेक्ट के सलाहकार के लिए भी चल रही टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। बृहस्पतिवार को इसकी तकनीकी बिड खोली जानी थी। अब यह तकनीकी बिड 30 अप्रैल को एलडीए खोलेगा। हालांकि, वित्तीय बिड और सलाहकार फर्म के प्रेजेंटेशन को लेकर अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।
एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि बृहस्पतिवार तक दो कंपनियों की तकनीकी बिड एलडीए को मिल गई। लेकिन, मौजूदा हालात को देखते हुए अभी इसकी तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। अब तकनीकी बिड को 30 अप्रैल को को खोला जाएगा। सात दिन के लिए टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया गया है। अगर कोई नई फर्म इस बीच में आवेदन करना चाहे तो कर सकती है। आवेदन प्रक्रिया खुली रहेगी। वहीं प्रेजेंटेशन की भी तारीख अब एलडीए बदलेगा। प्रेजेंटेशन को भी अब एलडीए डिजिटल तरीके से करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए फर्म के प्रतिनिधियों को एलडीए नहीं बुलाया जाएगा। इसकी वजह यह है कि दो फर्म प्रक्रिया में शामिल हुईं उनके कुछ प्रतिनिधि कोरोना संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में एलडीए के अधिकारी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
एलडीए के मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है। अभी तक शासन में होने वाली विभागों के बीच बजट के खर्च को लेकर भी बैठक नहीं हो पाई है। एलडीए और दूसरे विभाग अपना सर्वे पूरा कर चुके हैं। अब केवल उनके खर्च पर बैठक कर शासन से निर्देश लिए जाने हैं। सलाहकार के चयन में भी देरी होगी। इससे डीपीआर बनाने का काम लंबा खिंच सकता है। एलडीए में भी तकनीकी टीम के इंजीनियर पॉजिटिव हो चुके हैं, ऐसे में दिक्कतें आएंगीं।
पीआईयू का भी नहीं हो सका गठन
ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए एक प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट, पीआईयू का गठन भी किया जाना है। इसको लेकर आदेश भी शासन स्तर पर एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश कर चुके हैं। प्रोजेक्ट के लिए इस विशेषज्ञ टीम की भी जरूरत होगी।