चौक के सराफा कारोबारी के चार ठिकानों पर आयकर छापा, दो टीमें कर रही थीं गहनों की तौल
आयकर विभाग की टीम ने सोमवार को चौक स्थित बड़े सराफा कारोबारी चौक सराफा एसोसिएशन के 37 साल से लगातार अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के चार ठिकानों पर कार्रवाई की।
सर्वे से शुरू हुई कार्रवाई दो घंटे बाद छापे में तब्दील हो गया। आधी रात तक चारों जगहों पर जांच चलती रही।
इससे पहले कार्रवाई से हड़कंप के बाद कई कारोबारी शोरूम बंद कर खिसक गए। पूरे दिन चौक में सन्नाटा रहा, जिससे कारोबार पर भी असर पड़ा।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर भरत अवस्थी की अगुवाई में अफसरों ने कैलाश चंद जैन के बेटे आदीश कुमार जैन और पोते सिद्धार्थ जैन के अलग-अलग शोरूम और आवासों पर दोपहर एक बजे से सर्वे को सर्च में बदल कर जांच शुरू की।
अफसरों की ओर से बुलाई गईं दो टीमों ने आधी रात तक शोरूमों में सोने और चांदी के गहनों की तौल शुरू की। इनका स्टॉक बुक से मिलान किया जा रहा है।
वहीं, अफसरों की पांच सदस्यीय टीम दोनों शोरूम के फर्म के प्रधान कार्यालय टिकैतनगर, बाराबंकी भी जांच करने गई है।
इससे पहले अफसरों ने छापा मारना शुरू करते ही चौक सराफा एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉॅ. राजकुमार वर्मा सहित कई कारोबारियों को गवाह बनाया।
इस संबंध में पूछने पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि उच्च अफसरों को ही जानकारी देंगे। इसके बाद ज्वाइंट कमिश्नर अजय कुमार को भी कॉल की गई, पर जवाब नहीं मिला।
यह भी लगाया जा रहा कयास
राजधानी के सराफा कारोबारी कयास लगा रहे हैं कि कैलाश चंद जैन के ठिकानों पर छापे के पीछे कहीं उनके पोते की शादी तो नहीं है। 25 नवंबर को आदिश कुमार जैन के बेटे सिद्धार्थ की रिसॉर्ट में धूमधाम से शादी हुई थी। कयास है यही सर्वे और सर्च का कारण तो नहीं बनी।
मेरठ छापे से तो नहीं कनेक्शन
आयकर विभाग की कार्रवाई का कनेक्शन मेरठ आयकर छापे से माना जा रहा है। दो दिन पहले वहां सराफा कारोबारी के यहां विभाग का छापा पड़ा था, जिसमें काफी दस्तावेज जब्त किए गए।
कारोबारियों ने भी नहीं दिया जवाब
‘अमर उजाला’ ने सराफा कारोबारी आदिश कुमार जैन और सिद्धार्थ जैन के मोबाइल नंबर पर कॉल कर उनका पक्ष जानना चाहा। वहीं, कॉल रिसीव नहीं किए जाने पर उनके व्हाट्सएप पर मेसेज भेजा गया, हालांकि कारोबारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
…और ढाई घंटे कैद रहे पार्षद
जिस वक्त सराफ कैलाश चंद की दुकान पर आयकर का छापा पड़ा, उस समय राजाजीपुरम वार्ड के पार्षद राजीव त्रिपाठी वहां अंगूठी खरीद रहे थे। टीम ने दुकान बंद कराई तो जो जहां पर था वहीं रह गया। करीब ढाई घंटे बाद जांच पूरी होने पर वह दुकान से निकल पाए।