प्रदेश के सभी थानों में कैमरों की संख्या बढ़ाने और अधिक से अधिक समय तक वीडियो के साथ आडियो सुरक्षित रखने का आदेश फिलहाल पुलिस विभाग के लिए चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए विभाग को मोटे बजट की जरूरत पड़ेगी, जबकि सरकार इस समय कोविड -19 की वजह से सिर्फ जरूरी खर्चों पर ही ध्यान दे पा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि संसाधनों की बढ़ोतरी पर आने वाले खर्च को लेकर मंथन शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश के लगभग 15 सौ थानों में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनकी फीड एसएचओ से लेकर एसपी और एसएसपी तक पहुंचती है। सबसे कठिन काम कैमरों की रिकार्डिंग सुरक्षित रखना है। अभी रिकार्डिंग केवल 20 से 22 दिन ही सुरक्षित रह पाती है। अधिकारियों के मुताबिक थानों में कम से कम 10-10 कैमरों की जरूरत पड़ेगी। डेढ़ साल तक वीडियो के साथ ऑडियो रिकार्डिंग सुरक्षित रखने के लिए हैवी हार्ड डिस्क या सर्वर की क्षमता बढ़ानी होगी।
इस बारे में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सभी राज्यों के लिए है। थानों में कैमरों और उसकी रिकार्डिंग सुरक्षित रखने में यूपी कई राज्यों से बेहतर काम कर रहा है। कोर्ट में पुलिस की ओर से पहले ही हलफनामा दाखिल किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिक से अधिक समय की रिकार्डिंग रखने और पूछताछ के लिए संभावित स्थानों पर कैमरे लगाने के निर्देश को लेकर अफसरों से विचार विमर्श किया जा रहा है।