नीट 2020 के सफल अभ्यर्थियों को राहत डटे हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उतर पुस्तिका को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने विषय विशेषज्ञों की राय पर विश्वास करते हुए कहा कि याचिका में उठाए गए विवादित प्रश्नों पर विशेषज्ञ विचार कर चुके हैं और उन्होंने सम्बंधित जवाबों को सही पाया है।
न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की एकल पीठ ने यह आदेश सालिहा खान व अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया था कि नीट की उतर पुस्तिका जारी करने के बाद 27 सितंबर को नोटिस जारी कर अभ्यर्थियों से आपतियां आमंत्रित की गई थीं। इस पर याचियों ने दो प्रश्नों को लेकर आपतियां भेजीं। याचियों का कहना था कि बुकलेट नंबर जी-4 के 19वें और 148वें प्रश्नों के उतरों में गलती है। दावा किया गया कि प्रश्न संख्या 19 का सही उतर विकल्प संख्या 4 था जबकि उतर पुस्तिका में विकल्प संख्या 1 को सही जवाब बताया गया है। ऐसे ही प्रश्न संख्या 148 का सही जवाब विकल्प संख्या 1 है पर उतर पुस्तिका में विकल्प संख्या 3 को सही उतर बताया गया है।
प्रकरण में पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब किसी उतर पर आपति उठाई जाती है तो इसे उस विषय के विशेषज्ञ (एक्सपर्ट) के पास भेजा जाता है। एक्सपर्ट सम्बंधित प्रश्न और उतर में अगर कोई कमी नहीं पाता है तो यह न्यायालय सम्बंधित प्रश्न-उतर अथवा उतर पुस्तिका के शुद्धता का परीक्षण मात्र इसलिए नहीं कर सकता कि कुछ अभ्यर्थी सम्बंधित उतर से संतुष्ट नहीं हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में आईआईटी और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों ने याचियों की आपतियों पर विचार किया है और उतर पुस्तिका को सही पाया है।