यह फोटो लखनऊ की है। साल 2017 से अब तक 12 से अधिक बार चाइनीज मांझे के कारण ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन में तकनीकी खामी आई। इसके चलते यात्रियों को मुसीबत हुई तो लखनऊ मेट्रो को भी नुकसान हुआ।
सितंबर 2017 से अब तक 12 से अधिक बार थम चुके हैं लखनऊ मेट्रो के पहिये
राजधानी लखनऊ में इन दिनों पतंगबाजी अचानक बढ़ गई है। ऐसे में लखनऊ मेट्रो के अफसरों की चिंता भी बढ़ गई है। कारण सितंबर 2017 से अब तक 12 से अधिक बार चाइनीज मांझा व तार के चलते OHI (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) में आई तकनीकी खामी के कारण मेट्रो के पहिये थम चुके हैं। ऐसे में मेट्रो प्रबंधन ने शहर वासियों से अपील की है कि मेट्रो क्षेत्र में पतंगबाजी न करें। ऐसा करना पतंगबाजी करने वाले के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
यह एक प्रतीकात्मक फोटो है। लखनऊ में दिवाली के बाद पतंगबाजी में अचानक इजाफा हो जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन पतंगबाजी देख चिंतित हुए अफसरदरअसल, दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर भारी मात्रा में पतंगबाजी मेट्रो क्षेत्र के आसपास देखी गई। लखनऊ मेट्रो प्रबंधन के अनुसार, मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है, यदि किसी पतंगबाज कि डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो वह व्यक्ति क्षतिग्रस्त हो सकता है। चाइनीज मांझे के चलते कई बार OHI लाइन में ट्रिपिंग हुई। इसके अलावा लॉक डाउन के दौरान भी दो पुलिसकर्मी मांझे की चपेट में आ चुके हैं।
सरकार के कानून का हवाला दिया गया
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन ने केंद्र सरकार के कानून का हवाला भी दिया है। कहा कि केंद्र सरकार चीनी मांझे के उपयोग पर रोक लगा चुका है। इसका उपयोग सरासर गैरकानूनी है। इसके अलावा पतंग विक्रेताओं से भी अपील की है कि वो पतंग खरीददारों को भी जागरूक करें कि वो मेट्रो क्षेत्र के आस पास पतंग न उड़ाएं।
Input – Bhaskar.com